अमित शाह ने किया बड़ा एलान: लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में लागू होगा सीएए

अमित शाह ने किया बड़ा एलान: लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में लागू होगा सीएए

भारतीय जनता पार्टी इस समय लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा एलान किया है। दरअसल, उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा।

अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का उद्देश्य
दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है।

कांग्रेस ने किया था वादा
अमित शाह ने कहा कि यह भी कांग्रेस का वादा है। उन्होंने कहा, “जब देश का विभाजन हुआ और वहां पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता था। उस दौरान वह सभी भारत में भाग कर आना चाहते थे, तब कांग्रेस ने कहा था कि आप यहां आइए, आपको यहां नागरिकता दी जाएगी।”

केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।”

2014 से पहले भारत आए लोगों को मिलेगी नागरिकता
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए का उद्देश्य हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए हैं।

मंजूरी मिलने के बाद हुआ था विरोध प्रदर्शन
दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए के पारित होने और उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह चुनाव विकास के खिलाफ भ्रष्टाचार के बारे में है।

उन्होंने कहा, “यह चुनाव भारत बनाम एनडीए के बारे में नहीं है। यह भ्रष्ट शासन बनाम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के बारे में है। यह चुनाव उन लोगों के बारे में है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सुरक्षित करना चाहते हैं बनाम उनके बारे में जो विदेश नीति के नाम पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।”

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