कैंसर के क्षेत्र में काम करने वाले अमेरिकी स्टार्टअप नवॉक्स को मिली फंडिंग

कैंसर के क्षेत्र में काम करने वाले अमेरिकी स्टार्टअप नवॉक्स को मिली फंडिंग

नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। कैंसर का शीघ्र पता लगाने की नई तकनीक विकसित करने वाले अमेरिकी स्टार्टअप नवॉक्स ने गुरुवार को ताजा फंडिंग मिलने की घोषणा करते हुए कहा कि यह भारतीय बाजार में उसके प्रवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

लाइफ साइंस कंपनी ने एंजल निवेशक कर्ण डी. शिंदे से निवेश हासिल किया है।

भारत तेजी से स्वास्थ्य तकनीक नवाचार के केंद्र के रूप में उभर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में केंद्रीय बजट 2024-25 में कैंसर के उपचार के लिए तीन महत्वपूर्ण दवाओं से सीमा शुल्क हटाते हुए कैंसर रोगियों को राहत देने के साथ इस क्षेत्र की ओर ध्यान दिया है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “कैंसर का शीघ्र पता लगाने वाली तकनीक में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनी नवॉक्स भारतीय बाजार में अपने अत्याधुनिक समाधान पेश करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में यह निवेश भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग के भीतर संपर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

प्रीक्लिनिकल अध्ययनों के आधार पर विकसित नवॉक्स का नया एक्टिवएच टेस्ट कैंसर की शुरुआत का तीन-चार साल पहले ही पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है। इससे लोगों को जीवनशैली में बदलाव करने में मदद मिल सकती है, जिसमें धूम्रपान और शराब छोड़ना शामिल है, ताकि कैंसर के विकास को रोका जा सके।

इसके अलावा, एक्टिवएच कैंसर उपचार से गुजर रहे रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह खून में हेप्सिन के स्तर की निगरानी करके कीमोथेरेपी विकिरण या अन्य उपचारों के प्रभाव के बारे में रीयल टाइम जानकारी प्रदान करता है। हेप्सिन के स्तर में कमी प्रभावी उपचार का संकेत देती है, वहीं इसकी वृद्धि वैकल्पिक उपचारों की आवश्यकता का संकेत देती है।

शिंदे ने कहा, “कैंसर का जल्दी पता लगने से जीवित रहने की दर में उल्लेखनीय सुधार होता है। नवॉक्स का एक्टिवएच रोगियों और उनके परिवारों के लिए एक वरदान है। लक्षण प्रकट होने से पहले आक्रमक कैंसर के विकास का पता लगाने से रोगियों के लिए लंबे समय तक जीवित रहने और जीवन की बेहतर गुणवत्ता की संभावना होगी।”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, हेप्सिन जैसे बायोमार्कर भविष्य के ऐसे उपचारों की संभावना प्रदान करते हैं जो अधिक प्रभावी हो और कम नुकसान पहुंचाए।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एकेजे

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