ताइवान की आईएमएफ सदस्यता का समर्थन करने वाले विधेयक को अमेरिकी सदन समिति ने किया पारित


ताइपे, 7 मार्च (आईएएनएस)। ताइवान के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में प्रवेश के समर्थन वाले विधेयक को अमेरिका की सदन वित्तीय सेवा समिति ने मंजूरी दे दी। ताइवानी मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अमेरिकी सदन की वित्तीय सेवा समिति ने ‘ताइवान गैर-भेदभाव अधिनियम 2025’ पारित कर दिया।

यह एक द्विदलीय विधेयक है, जिसका नेतृत्व रिपब्लिकन प्रतिनिधि यंग किम और उनके समकक्ष डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिनिधि अल ग्रीन कर रहे हैं। बिल का उद्देश्य आईएमएफ में ताइवान की भागीदारी सुनिश्चित करना है।

‘ताइपे टाइम्स’ ने किम के हवाले से कहा, “विश्व की 21वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और संयुक्त राज्य अमेरिका का 10वां सबसे बड़ा गुड्स ट्रेडिंग पार्टनर होने के नाते, ताइवान वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के दबाव के कारण उसे आईएमएफ से बाहर रखा गया।”

किम ने कहा, “हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय नीति निर्धारित करने और एक प्रमुख लोकतांत्रिक साझेदार को दरकिनार करने की अनुमति नहीं दे सकते। मैं इस द्विदलीय विधेयक को पारित करने के लिए सदन की वित्तीय सेवा समिति को धन्यवाद देती हूं, और मैं इसे अंतिम रूप देने के लिए लड़ती रहूंगी।”

ग्रीन ने कहा कि ताइवान आईएमएफ में दोबारा शामिल होने का हकदार है, न केवल एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में अपनी स्थिति के कारण, बल्कि अपनी गतिशील अर्थव्यवस्था के कारण भी, जो वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

एआई ग्रीन ने कहा, “ताइवान के शामिल होने से आईएमएफ के मिशन को बढ़ावा मिलेगा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, यह उन मूल्यों को मूर्त रूप देगा जिन्हें हम विश्वभर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों की वकालत करते हुए कायम रखते हैं।”

1971 में संयुक्त राष्ट्र में चीन से अपनी सीट गंवाने के बाद ताइवान ने नौ साल तक आईएमएफ की सदस्यता बरकरार रखी। बाद में 1980 में चीन ने आईएमएफ सदस्य के रूप में ताइवान की जगह ले ली।

191 सदस्यों वाला आईएमएफ एक वैश्विक संगठन है जो सतत विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए काम करता है। यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने वाली आर्थिक नीतियों का समर्थन करके ऐसा करता है, जो उत्पादकता, रोजगार सृजन और आर्थिक कल्याण को बढ़ाने के लिए जरूरी हैं।

–आईएएनएस

एमके/


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