अमेरिका ने वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा हमला किया, संसद का विशेष सत्र बुलाए सरकार : पृथ्वीराज चव्हाण

मुंबई, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार के कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट के बाद अब इस मुद्दे पर बयानबाजी भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने शेयर बाजार समेत कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को विपक्षी दलों से सुझाव लेना चाहिए, ताकि भारत में आर्थिक संकट पैदा नहीं हो।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं, तब से वे कुछ नीतियां अपना रहे हैं और उनके फैसलों का असर भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ा है। मैं मानता हूं कि यह एक वैश्विक संकट है, जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा है। शेयर बाजार में सोमवार को आई गिरावट इतिहास की सबसे बड़ी घटना है और इस संकट के समाप्त होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। मेरी सरकार से गुजारिश है कि उन्हें विपक्षी दलों से सुझाव लेना चाहिए, ताकि भारत में आर्थिक संकट पैदा नहीं हो।”
उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि भारत सरकार को अमेरिकी दबाव में नहीं आना चाहिए। पीएम मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अच्छे संबंध हैं। मगर, ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका के हित में फैसला लेंगे, जिसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा। मैं सरकार से कहूंगा कि उन्हें विपक्ष को विश्वास में लेना चाहिए और आर्थिक संकट को लेकर बातचीत करनी चाहिए। इसके अलावा, अर्थशास्त्रियों से भी सलाह-मशवरा करना चाहिए। हालांकि, फैसला तो सरकार को ही लेना होगा, क्योंकि यह अमेरिका का वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा हमला है और हमें इस दौर को एक युद्ध की तरह देखना चाहिए। मुझे लगता है कि इस स्थिति से निपटने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।”
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ट्रंप सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए कहा, “जब से अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप बने हैं, तब से उन्होंने अपनी कुछ नीतियां अपनाई हैं। उनका मानना है कि इन नीतियों के कारण विदेशों का माल अमेरिका नहीं आएगा और वहां मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ोत्तरी मिलेगी, जो पूरी तरह से गलत है। ट्रंप के इन फैसलों की अर्थशास्त्रियों ने भी निंदा की है और उन्होंने यहां तक कहा है कि वह गलत कर रहे हैं। इसका नुकसान पूरे विश्व को हो रहा है। अमेरिका में तो मंदी का वातावरण आ रहा है और अगर दुनिया में मंदी का दौर पैदा होगा तो इसके असर से भारत भी नहीं बच पाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस समय पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की पूरी तरह से कमी खल रही है, वो एक अर्थशास्त्री भी थे और इसलिए उन्हें दुनियाभर में सम्मान भी मिला। मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री रहते हुए देश में आर्थिक सुधारों का दौर शुरू हुआ था। उन्होंने विदेशी आयात पर टैरिफ को कम किया था, मगर साल 2014 के बाद मोदी सरकार ने विदेशी आयात पर टैरिफ फिर से बढ़ाना शुरू कर दिया और इसी वजह से हमारा व्यापार गलत दिशा में जा रहा है।
–आईएएनएस
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