अविश्वसनीय और आध्यात्मिक : विभिन्न देशों के राजदूतों ने साझा किए महाकुंभ के अनुभव


नई दिल्ली, 3 मार्च, (आईएएनएस) : महाकुंभ उत्सव भारत की भव्यता और आध्यात्मिक जीवंतता का प्रमाण है। प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का आयोजन पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में उभरा। यह न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी श्रृद्धालुओं के मन में भी अमिट छाप छोड़कर कर गया।

भारत में विभन्न देशों के राजदूतों ने इसमें भाग लिया और गंगा में आस्था के डुबकी लगाई। उन्होंने इसे जीवन को बदलने वाला अनुभव बताया जिसने उन्हें भारत और भारतीय लोगों से जोड़ा।

इक्वाडोर के राजदूत फर्नांडो बुचेली कहते हैं, “मैं वहां गया, और यह वास्तव में जीवन में एक बार होने वाला अनुभव था। मुझे गंगा नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाने का सौभाग्य मिला – न केवल अपने पापों को धोने के लिए, बल्कि यह अनुभव करने के लिए भी कि भारत आध्यात्मिक क्षेत्र में खुद को कैसे पेश करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने मुझे भारतीय लोगों से जुड़ने का मौका दिया।”

ग्वाटेमाला के राजदूत उमर लिसेंड्रो कास्टानेडा सोलारेस ने भी महाकुंभ-2025 का दौरा किया। उन्होंने कहा,, “महाकुंभ मेले में हमारा अनुभव वास्तव में अविश्वसनीय और गहन आध्यात्मिक था। हम आयोजकों, विशेष रूप से विदेश मंत्रालय के बहुत आभारी हैं। मुझे पहली बार भाग लेने का सौभाग्य मिला। यह निश्चित रूप से एक ऐसा अनुभव है जिसे मैं अपने जीवन भर संजो कर रखूंगा…”

इस वर्ष महाकुंभ उत्सव 13 जनवरी – 26 फरवरी 2025 प्रयागराज त्रिवेणी संगम में आयोजित हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों सहित करोड़ों लोगों ने गंगा मैया में डुबकी लगाई।

–आईएएनएस

एमके/


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