अजित पवार लोगों को धमका रहे हैं, चुनाव आयोग कार्रवाई करे: वारिस पठान


मुंबई, 23 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के ‘वोट नहीं तो फंड नहीं’ वाले बयान पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान का कहना है कि वे लोगों को धमका रहे हैं। चुनाव आयोग समेत तमाम एजेंसियों को ध्यान देना चाहिए। यह ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि आप महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं; फंड देना आपका दायित्व है। लोग किसे वोट देंगे, यह उनकी मर्जी है। यह बयान अगर मैंने दिया होता तो तमाम एजेंसियां मेरे पीछे पड़ गई होतीं। मुझे जेल में डाल दिया गया होता। इस तरह की धमकी ठीक नहीं है। इस तरह की बयानबाजी से साफ है कि आप फेल हो चुके हैं; आपको लोग वोट नहीं देना चाहते।

‘बाबरी मस्जिद’ को लेकर चल रहे विवाद पर वारिस पठान ने कहा कि जिस दिन हमारी बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया, वह काला दिन था। मेरा मानना है कि जहां मस्जिद थी, है और रहेगी। हम उसे नहीं भूल सकते। अगर कोई मस्जिद, मंदिर, या गिरिजाघर बना रहा है, तो इसे धार्मिक रंग देना ठीक नहीं है। विकास पर बात होनी चाहिए।

भाजपा नेता राज पुरोहित ने कहा कि बाबरी मस्जिद बनाने में विदेशी साजिश है। इस पर वारिस पठान ने कहा कि मुझे भाजपा से देशभक्ति का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। हमने आजादी की जंग में अपनी कुर्बानी दी है। हमें यह कहने में कोई शर्म नहीं है कि हम भारतीय हैं। महाराष्ट्र में चुनाव हैं, और भाजपा के पास विकास, महंगाई, और बेरोजगारी का कोई जवाब नहीं है। ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं।

वारिस पठान का कहना है कि राज पुरोहित पर भड़काऊ बयानबाजी करने पर कार्रवाई होनी चाहिए। खामोश क्यों बैठे हैं? ऐसे लोगों को रोकना चाहिए। वह अक्सर इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं।

ठाणे के एक कॉलेज में नमाज पढ़ने पर तीन युवकों से माफी मंगवाए जाने पर वारिस पठान ने कहा कि वे किसी को परेशान नहीं कर रहे थे, कॉलेज में नमाज पढ़ रहे थे। उनका वीडियो बनाकर वायरल किया और फिर हंगामा किया गया। तीन मिनट नमाज पढ़ने के बाद उनके साथ ऐसा व्यवहार करने का अधिकार किसने दिया? पुलिस प्रशासन है, उसे कार्रवाई करने दीजिए। जिन लोगों ने यह सब किया है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

जमीयत प्रमुख अरशद मदनी के बयान पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन हर आतंकी घटना की हमने निंदा की है। आतंकी की एक ही मंशा होती है: दहशत फैलाना। उसे किसी भी धर्म से जोड़ना गलत है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के हत्यारे मुसलमान नहीं थे। चार आतंकियों के लिए पूरे समाज को कटघरे में नहीं खड़ा किया जा सकता।

–आईएएनएस

एएमटी/डीएससी


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