क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) वेल्लोर ने एक लो-फील्ड पोर्टेबल एमआरआइ स्कैनर खरीदा है, जो एआइ-संचालित है। इस सुविधा का प्रयोग करने वाला सीएमसी वेल्लोर देश का पहला अस्पताल बन गया है। एक्स पोस्ट में कहा गया है कि यह पारंपरिक एमआरआइ स्कैनर की तुलना में अधिक सुरक्षित और कम बिजली की खपत करने वाला है।
इस मशीन में 900 वॉट की बिजली खपत होती है
इसमें महज 900 वॉट की बिजली खपत होती है, जो एक काफी मशीन के बराबर है। यह पोर्टेबल है और इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना भी आसान है। उच्च गुणवत्ता वाली एमआरआइ तस्वीरें बनाने के लिए उन्नत इमेज प्रोसेसिंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम से लैस स्कैनर को वर्तमान में देश में अनुसंधान उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है।
सरकार ने मस्तिष्क स्वास्थ्य पर बनाया कार्यबल
केंद्र सरकार ने मस्तिष्क स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए ‘मस्तिष्क स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यबल’ का गठन किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि तंत्रिका तंत्र के विकार (नर्वस डिसार्डर) वैश्विक स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। इसके कारण प्रति वर्ष 90 लाख लोगों की मौत होती हैं।
पिछले तीन दशक में भारत में अधिकतर अध्ययनों से पता चला है कि आघात, मिर्गी, सिरदर्द, पार्किंसंस रोग सहित बीमारियों का बोझ बढ़ा है और ये बीमारी ज्यादातर शहरी भारतीय आबादी में पाई गई हैं। कहा गया है कि भारत में तंत्रिका संबंधी स्वास्थ्य एवं देखभाल में सुधार के लिए सुलभ सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत है।
कार्यबल 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा
इसके लिए निगरानी, रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास पर प्रभावी रणनीतियों के लिए व्यावहारिक ²ष्टिकोण अपनाने की तत्काल जरूरत है।इसलिए तकनीकी विशेषज्ञों और संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर ‘मस्तिष्क स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यबल’ का गठन करने का प्रस्ताव किया ताकि कमियों की गहराई से समीक्षा की जा सके। यह कार्यबल मस्तिष्क स्वास्थ्य संबधी सेवाओं तक पहुंच और गुणवत्ता में सुधार के लिए सुझाव देगा। कार्यबल 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।