अब्बास अंसारी की सजा के बाद राजभर ने मऊ सीट पर ठोका अपना दावा


लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस)। हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को दो वर्ष सजा होने के बाद रिक्त हुई मऊ सदर सीट पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अपना दावा ठोका है। राजभर ने कहा कि वह इसे लेकर एनडीए के शीर्ष नेतृत्व से बात करेंगे।

प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अब्बास अंसारी मामले में कहा कि पूर्व में मऊ सदर की सीट सुभासपा की रही है। 2017 में सुभासपा मऊ सदर में सेकंड रनर रही और 2022 में सुभासपा ने जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि अब्बास को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो वर्ष की सजा दी है। सुभासपा अपने सिंबल को बचाने के लिए उच्च कोर्ट तक जाएगी और अगर चुनाव लड़ने की संभावना बनती है तो सुभासपा अपने सिंबल पर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शीर्ष नेतृत्व से बात कर अपना उम्मीदवार बनाएगी।

ओपी राजभर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 10 जून को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के नाम से शौर्य मेला लगेगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे। यह मेला हमारी संस्कृति, विरासत को समझने का माध्यम ही नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए अपने गौरवशाली अतीत को जानने का सुअवसर है।

मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने विशेष समुदाय के वोट के लिए महाराजा सुहेलदेव के नाम को इतिहास से हटाने का प्रयास किया। उनकी वीरगाथा को पुस्तकों से दूर रखा। समाजवादी पार्टी ने बहराइच में आक्रांता सालार मसूद के नाम पर मेला लगाया। इस भूमि पर सुहेलदेव के पराक्रम की स्मृति को क्यों भुला दिया? यह सवाल केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, विरासत और बच्चों के भविष्य से जुड़ा है।

सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि देश के लिए मुगलों से लड़ने वाले महापुरुषों को सपा और कांग्रेस ने नजरअंदाज किया। 22 सालों में महाराजा सुहेलदेव, अहिल्याबाई होलकर, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सावित्रीबाई फुले, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, छत्रपति शिवाजी, गौतम बुद्ध की जो चर्चा हो रही है, वह कांग्रेस और सपा सरकारों में नहीं होती थी। मुगलों के वंशज से वोट लेने के लिए कांग्रेस और सपा के लोग ड्रामेबाजी करते हैं।

ओपी राजभर ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत चुनाव सीधे जनता से कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से नगर पंचायत के चुनाव होते हैं, ठीक उसी तरह जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव होना चाहिए। इस संबंध में चार बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दो बार गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री से मिल चुका हूं।

–आईएएनएस

विकेटी/एएस


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