महाराष्ट्र के नासिक में सामने आया अफ्रीकी स्वाइन फीवर का मामला, प्रशासन अलर्ट


नासिक, 22 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नासिक में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का मामला सामने आया है। इसके बाद प्रशासन अलर्ट है। आसपास के क्षेत्र को प्रभावित इलाका घोषित कर दिया गया है। सैंपल एकत्रित किए जा रहे हैं और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उपायुक्त जिला पशुपालन ने इसकी जानकारी दी है।

अधिकारी के मुताबिक, नासिक महानगर पालिका क्षेत्र में एक एनजीओ के पास 9 सूअर थे। उनकी मौत हो गई थी, और पोस्टमार्टम के बाद सैंपल की जांच कोकण भेजी गई थी। वहां से आई रिपोर्ट के मुताबिक, वे अफ्रीकी स्वाइन फीवर से पीड़ित थे। रिपोर्ट में अफ्रीकी स्वाइन फीवर पॉजिटिव आया है।

इसके बाद कलेक्टर ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सभी को सावधान रहने की सलाह दी गई। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्र के 1 किलोमीटर के दायरे को प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही तीन किलोमीटर के दायरे में निगरानी बढ़ा दी गई है।

21 नवंबर को एनिमल हसबेंडरी के दीप्ती कमिश्नर और रैपिड एक्शन टीम के साथ इलाके में गए थे लेकिन वहां सभी सूअर मर चुके थे। पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि प्रभावित जगह पर तीन महीने तक वहां सूअर नहीं रखा जाए। सैंपल एकत्रित करने के लिए भी टीम 1 किलोमीटर के दायरे में गई थी, लेकिन कोई भी सूअर नहीं मिला।

अधिकारियों की तरफ से नागरिकों से अपील की गई है कि अगर कोई सूअर बीमार या बीमार जैसी हालत में दिखे तो उसकी सूचना दें। इसके साथ ही वार्ड मेंबर्स को भी इसके लिए निगरानी करने के लिए कहा गया है कि अगर कोई सूअर मरा हुआ मिले तो इसकी जानकारी अधिकारियों को तुरंत दें, जिससे सैंपल एकत्रित कर यह जांच की जा सके कि उसकी मौत कैसे हुई। कहीं वह भी अफ्रीकी स्वाइन फीवर से ग्रसित तो नहीं था?

बता दें कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू और जंगली सूअरों में फैलने वाला संक्रामक वायरल रोग है। इससे ग्रसित होने वाले सूअर के मरने की संभावना 100 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। हालांकि, यह इंसानों के लिए खतरा नहीं है, लेकिन इसका सूअरों की आबादी और कृषि अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। यह वायरस कपड़ों, जूतों, पहियों और अन्य सामग्रियों पर जीवित रह सकता है।

–आईएएनएस

एएमटी


Show More
Back to top button