मथुरा के ठाकुर श्यामा श्याम मंदिर का उद्घाटन करेंगे आदित्य ठाकरे

मथुरा के ठाकुर श्यामा श्याम मंदिर का उद्घाटन करेंगे आदित्य ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मथुरा में प्रसिद्ध पांच शताब्दी पुराने ठाकुर श्यामा श्याम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी साझा की थी।

आदित्य ठाकरे करेंगे उद्घाटन

आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे और पार्टी के नेता आदित्य ठाकरे मथुरा जाएंगे। इसको लेकर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज मैं प्रार्थना करने जा रहा हूं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मथुरा में ठाकुर श्यामा श्याम मंदिर, जिसका पुनर्विकास किया गया था, उसका उद्घाटन किया जाएगा।” मालूम हो कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद आदित्य ठाकरे तीर्थ शहर के अन्य कुछ मंदिरों का भी दौरा करेंगे।

राजनीति नहीं, आस्था का मुद्दा है मंदिर

पार्टी की वरिष्ठ नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बताया था कि आदित्य ठाकरे मथुरा के ठाकुर श्यामा श्याम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं। उन्होंने मीडिया से कहा, “आदित्य ठाकरे आज मथुरा जाएंगे और वह बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वह ठाकुर श्यामा श्याम मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। यह कोई राजनीति का मुद्दा नहीं है, इतिहास और संस्कृति है, इसलिए हमने उसका जीर्णोद्धार किया है।” राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना का अहम योगदान प्रियंका चतुर्वेदी से राम मंदिर को लेकर सवाल किया गया, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, “शिवसेना का भी राम मंदिर आंदोलन में बहुत योगदान रहा है। मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देती हूं कि वहां भव्य मंदिर बन रहा है। उद्धव ठाकरे पहले मुख्यमंत्री थे, जो कोर्ट का आदेश जारी होने के बाद वहां सबसे पहले पहुंचे थे।”

सांसद ने बताया था मंदिर का महत्व

मंदिर के महत्व के बारे में बताते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया कि पुष्टि मार्ग के संस्थापक श्री वल्लभाचार्य (1479-1531 ई.) ने भगवान कृष्ण के भक्ति आंदोलन को आगे बढ़ाने और ब्रज के ब्रज भाषा के प्रसार के लिए अष्ट-शाखाओं को नामित किया था। इसका रखरखाव चीत स्वामी वंश (नाथद्वारा में बांके बिहारी की तरह) द्वारा किया गया है। सांसद ने कहा था कि यह गर्व और खुशी का पल है कि मंदिर अब पूरा हो गया है और पवित्र शहर मथुरा में एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भूमिका निभाता रहेगा।
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