ग्वालियर, 28 अगस्त (आईएएनएस)। अदाणी ग्रुप मध्य प्रदेश के समग्र आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदेश में करीब 18,250 करोड़ रुपये का अब तक निवेश कर चुका है, जिससे विभिन्न सेक्टरों में करीब 12,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। अदाणी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के डायरेक्टर करण अदाणी ने बुधवार को ग्वालियर में ये बात कही।
‘2024 रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए करण अदाणी ने ऐलान किया कि हम मध्य प्रदेश के गुना जिले में 20 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता वाली सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट लगाने जा रहे हैं। इसके साथ ही शिवपुरी जिले में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट प्रोपेलेंट उत्पादन सुविधा शुरू करेंगे।
करण अदाणी ने कहा कि शिवपुरी में लगाई जा रही यूनिट भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाएगी। इससे देश को रक्षा क्षेत्र में आयातक से निर्यातक बनने में मदद मिलेगी। इन दोनों प्रोजेक्ट में 3,500 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 3,500 से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उपस्थित थे।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के एक उल्लेखनीय दौर से गुजर रहा है। वहीं, राज्य स्तर पर यह भूमिका मुख्यमंत्री मोहन यादव निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश आर्थिक वृद्धि के उदाहरण के रूप में उभर रहा है।
अदाणी ग्रुप की ओर से विभिन्न सेक्टरों में हजारों करोड़ों का निवेश किया जा चुका है। इसमें सीमेंट, डिफेंस, रोड, थर्मल पावर, रिन्यूएबल एनर्जी और ट्रांसमिशन शामिल है।
ग्वालियर में अदाणी डिफेंस की सुविधा देश की सबसे बड़ी छोटे हथियार बनाने की फैक्ट्री है। इससे मध्यप्रदेश, वैश्विक स्तर पर छोटे हथियार बनाने के केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
करण अदाणी ने आगे बताया कि अदाणी फाउंडेशन ने मध्यप्रदेश में अपनी विभिन्न पहल जैसे स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से 80,000 से ज्यादा परिवारों और 3 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया है।
उन्होंने आगे घोषणा करते हुए कहा कि अदाणी फाउंडेशन शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे में एक जैकेट उत्पादन केंद्र स्थापित करेगा, जिसे “हमारी महिला सशक्तिकरण पहल के एक हिस्से के रूप में 100 प्रतिशत महिलाओं द्वारा चलाया जाएगा”।
–आईएएनएस
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