अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 8 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए एसईसीआई के साथ किया समझौता

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 8 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए एसईसीआई के साथ किया समझौता

मुंबई, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ 25 साल के लिए 1,799 मेगावाट सौर ऊर्जा का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

इसके साथ ही एजीईएल ने जून 2020 में एसईसीआई द्वारा दिए गए 8,000-मेगावाट के विनिर्माण-लिंक्ड सोलर टेंडर के लिए पावर ऑफटेक टाई-अप पूरा कर लिया है, जो सौर ऊर्जा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टेंडर है।

एजीईएल के सीईओ अमित सिंह ने कहा कि कंपनी ने भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्य को प्राप्त करने और आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में एक टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य को सक्षम करने के लिए सबसे बड़ा समझौता किया है।

सिंह ने कहा, “2030 तक भारत के 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, अदाणी ग्रीन 45 गीगावॉट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हमारे वर्तमान ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो से पांच गुना अधिक है। यह सस्ती और सुलभ स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के हमारे संकल्प की पुष्टि करता है।”

2 गीगावॉट पीवी (फोटोवोल्टिक) सेल और मॉड्यूल विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना सहित एसईसीआई के सौर पीवी टेंडर के लिए एजीईएल की प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाते हुए कंपनी ने अपने सहयोगी मुंद्रा सोलर एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से 2-गीगावॉट प्रति वर्ष सौर पीवी सेल और मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्र चालू किया है।

एमएसईएल गुजरात के मुंद्रा में स्थित है, जिसमें एडीईएल के पास अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग फोर लिमिटेड के माध्यम से 26 प्रतिशत शेयर है।

सिंह ने कहा, इसके साथ, एजीईएल ने 19.8-गीगावॉट के पीपीए का अनुबंध किया है और शेष राशि उसके 20.6-गीगावॉट लॉक-इन पोर्टफोलियो में व्यापारी क्षमता है।

पोर्टफोलियो को 2030 तक 45-गीगावॉट क्षमता के निष्पादन के लिए पूरी तरह से जोखिम मुक्त कर दिया गया है, जिसमें 12 राज्यों में 200,000 एकड़ से अधिक भूमि पहले से ही ली गई है।

20.6 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक के लॉक-इन विकास पथ के साथ, एजीईएल के पास वर्तमान में 8.4 गीगावॉट का ऑपरेटिंग नवीकरणीय पोर्टफोलियो है, जो भारत में सबसे बड़ा है, जो संचयी रूप से 41 मिलियन टन से अधिक सीओ2 उत्सर्जन की भरपाई करता है।

एजीईएल को कई ऐतिहासिक नवीकरणीय ऊर्जा बिजली संयंत्र विकसित करने का श्रेय है, जिनमें से जैसलमेर में 2,140 मेगावाट (मेगावाट) का दुनिया का सबसे बड़ा पवन-सौर हाइब्रिड पावर क्लस्टर है।

एजीईएल किफायती स्वच्छ ऊर्जा के लिए लागत कम करने को लेकर टेक्नोलॉजी का लाभ उठाता है।

एजीईएल के ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो को ‘200 मेगावाट से अधिक क्षमता वाले संयंत्रों के लिए जल सकारात्मक’, ‘सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री’ और ‘शून्य अपशिष्ट-से-लैंडफिल’ प्रमाणित किया गया है, जो टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने की कंपनी की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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