अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने बताया बप्पा से अपना नाता, बोलीं- 'मैं गणेश विसर्जन के दिन पैदा हुई थी'


मुंबई, 19 सितंबर (आईएएनएस)। गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर गिरगांव चौपाटी पर गणपति विसर्जन किया जा रहा है। इस मौके पर अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर अपनी दोस्त के साथ वहां बप्पा के दर्शन करने आई थी। अभिनेत्री ने बताया कि गणपति विसर्जन के दिन ही उनका जन्म हुआ था।

अभिनेत्री ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि तिथि के अनुसार उनका जन्म गणपति विसर्जन के दिन, 19 सितंबर को हुआ था, जिससे उनका बप्पा के साथ गहरा नाता है।

अभिनेत्री ने कहा, “मैं अपनी दोस्त के साथ गिरगांव चौपाटी पर आई हूं, हर साल की तरह इस बार भी इको-फ्रेंडली गणपति का सत्कार किया जा रहा है। रविवार को यहां सफाई भी होगी, यहां पर इकोफ्रेंडली बप्पा का सत्कार होता है। तो जब तक मैं रह सकती हूं ट्रैफिक शुरू होने से पहले तब तक सबसे मिलकर बप्पा की मूर्तियों का सत्कार करके निकल जाऊंगी।

आईएएनएस से बातचीत में अभिनेत्री ने बप्पा के प्रति अपनी आस्था जाहिर की। उन्होंने कहा, “बप्पा मेरे दिल में बसे हैं। मेरा उनसे रिश्ता जन्म से है, क्योंकि मैं उसी दिन पैदा हुई थी, जब बप्पा का विसर्जन होता है। वह मेरे इष्टदेव हैं। मैं शब्दों में नहीं बता सकती कि मैं उनके कितना करीब हूं।”

उन्होंने बताया कि तीन साल पहले वह डेढ़ दिन के लिए गणपति की स्थापना करती थीं, लेकिन इस साल उन्होंने तीन दिन तक बप्पा को घर पर रखा। अगले साल के लिए उन्होंने कहा कि जैसी बप्पा की मर्जी।

आईएएनएस ने जब बातचीत में अभिनेत्री से कहा, “गणेश चतुर्थी की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी, लेकिन अब यह उत्सव पूरे देश और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच धूमधाम से मनाया जाता है। अभिनेत्री ने कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि बप्पा का उत्सव अब वैश्विक हो गया है। जहां कहीं भी भारतीय हैं, वहां बप्पा की पूजा होती है।”

बप्पा के विसर्जन पर भावुक होते हुए उन्होंने कहा, “बप्पा के आने से खुशी मिलती है, लेकिन उनके जाने पर मन उदास हो जाता है। मेरा मानना है कि बप्पा के साथ मेरा रिश्ता कुछ दिनों का नहीं, बल्कि जन्मों का है। वह मेरे दिल और दिमाग में हमेशा रहते हैं। इस बार मैंने विसर्जन के समय कम रोने की कोशिश की, लेकिन उनके जाने का दुख तो होता ही है।”

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने बप्पा से क्या मांगा, तो अभिनेत्री ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं जो मांगती हूं, वह नहीं बताती। लेकिन हां, मैं बप्पा से बिंदास मांगती हूं। जैसे हम माता-पिता से अपनी जरूरतें बताते हैं, वैसे ही बप्पा को भी बताना पड़ता है। हमें लगता है, भगवान को सब पता होता है, फिर भी मैं उनसे अपनी बातें खुलकर कहती हूं।”

–आईएएनएस

एनएस/जीकेटी


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