'डेढ़ बीघा जमीन' के एक्टर प्रतीक गांधी बोले- 'बड़े शहरों में भी दहेज चलता है, बस नाम बदला है'

'डेढ़ बीघा जमीन' के एक्टर प्रतीक गांधी बोले- 'बड़े शहरों में भी दहेज चलता है, बस नाम बदला है'

मुंबई, 1 जून (आईएएनएस)। एक्टर प्रतीक गांधी स्ट्रीमिंग फिल्म ‘डेढ़ बीघा जमीन’ में अपने काम के लिए सराहना बटोर रहे हैं। उन्होंने देश में दहेज और जमीन हड़पने जैसी प्रचलित सामाजिक बुराइयों पर अपनी राय शेयर की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि दहेज की बुराई शहरों में भी फैल गई है।

‘डेढ़ बीघा जमीन’ में प्रतीक ने ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाई है, जिसे अपनी बहन की शादी में दहेज देने के लिए पुश्तैनी जमीन बेचनी पड़ती है।

एक्टर ने आईएएनएस से कहा, “दहेज जैसे कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिनके बारे में कोई भी खुलकर बात करने को तैयार नहीं है। लोगों को लगता होगा कि दहेज केवल ग्रामीण इलाकों या छोटे शहरों में ही एक मुद्दा है, लेकिन ऐसा नहीं है। सिर्फ इसका नाम बदल गया है। इसे हम अभी भी बड़े शहरों में देख सकते हैं।”

प्रतीक ने देश के कुछ हिस्सों में कन्या भ्रूण हत्या के जारी रहने के बारे में भी बात की और सख्त सजा की जरुरत पर जोर दिया।

एक्टर ने कहा, “हमने करीब 7-8 साल पहले कन्या भ्रूण हत्या की समस्या पर एक नाटक किया था। यह नाटक एक लड़की की आत्मा के बारे में थी, जो मंच पर आकर भारत में जन्म लेने की इच्छा व्यक्त करती है, लेकिन कोई भी उसे जन्म लेने का मौका नहीं देता। नाटक बहुत ही संवेदनशील विषय पर था। ये सभी मुद्दे हमारे समाज को नुकसान पहुंचाते हैं और इनसे कानून द्वारा सख्ती से निपटने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “जो लोग ऐसी बुरी प्रथाओं के शिकार हैं या उनका हिस्सा बनते हैं, उन्होंने कहीं न कहीं यह सोचकर कि ‘ऐसा ही होता है’ आम चीज मान ली है। हमें सबसे पहले इस समस्या से निपटना होगा और लोगों को जागरूक करना होगा कि यह आम बात नहीं है। सिर्फ इसलिए कि वे सदियों से प्रचलित हैं, उन्हें नैतिक रूप से सही नहीं माना जा सकता।”

‘डेढ़ बीघा जमीन’ जियो सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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