एसीई ने भारत में लाइव स्पोर्ट्स पाइरेसी साइट 'वॉचरेसलिंग डॉट एआई' को किया बंद


लॉस एंजिल्स, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। वर्ल्ड लीडिंग एंटी-पाइरेसी ऑर्गेनाइजेशन एलायंस फॉर क्रिएटिविटी एंड एंटरटेनमेंट (एसीई) ने लाइव स्पोर्ट्स पाइरेसी साइट ‘वॉचरेसलिंग डॉट एआई’ और उसके संबंधित डोमेन को बंद कर दिया है, जो भारत से संचालित हो रहे थे।

एसीई ने साइट के उत्तर प्रदेश स्थित ऑपरेटर की पहचान की और उसका सामना किया, जिसने ‘वॉचरेसलिंग डॉट एआई’ और सभी संबंधित डोमेन को एसीई में स्थानांतरित कर दिया। साइटें अब एसीई के “वॉच लीगली” पेज पर रीडायरेक्ट हो जाती हैं।

पिछले साल, ‘वॉचरेसलिंग डॉट एआई’ और इसके संबद्ध डोमेन पर 253 मिलियन से ज्यादा विजिट हुए। अधिकांश ट्रैफिक संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, भारत और कनाडा से आया।

मोशन पिक्चर एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव वाइस-प्रेजिडेंट और ग्लोबल कंटेंट प्रोटेक्शन के प्रमुख और एसीई के हेड जान वैन वूर्न ने कहा, ”’वॉचरेसलिंग डॉट एआई’ का बंद होना लाइव स्पोर्ट्स प्रोग्राम की पाइरेसी के खिलाफ चल रहे हमारे कैंपेनमें एक महत्वपूर्ण जीत का प्रतीक है।”

”लाइव स्पोर्टिंग और पे-पर-व्यू इवेंट देखने के लिए पायरेसी साइटों का इस्तेमाल लाइव इवेंट प्रोग्रामिंग की स्थिरता को प्रभावित कर रहा है। लीगल सर्विस प्रीमियम एंटरटेनमेंट कंटेंट प्रदान करती हैं, जो विश्वसनीय और कानूनी है। पायरेसी क्राइम ग्रुप्स को फंड देती है और कंज्यूमर्स को मैलवेयर इंफेक्शन के खतरे में डालती है। इस मामले को हर जगह अवैध पायरेसी ऑपरेटर्स के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करना चाहिए।”

एसीई ने इस कार्रवाई पर वर्ल्ड लीडिंग लाइव-स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग सर्विस में से एक और एसीई सदस्य डीएजेडएन के साथ मिलकर काम किया।

डीएजेडएन ग्रुप के चीफ ऑपरेटिंग एड मैक्कार्थी ने कहा, “डीएजेडएन ने कॉम्बैट स्पोर्ट्स के आसपास सफल बिजनेस बनाने, एमएमए और बॉक्सिंग के डेवलपमेंट को फंड करने के साथ-साथ फैंस के लिए बेस्ट क्वालिटी कंटेंट और सर्विस प्रदान करने में महत्वपूर्ण मात्रा में निवेश किया है।”

”निवेश जारी रखने के लिए, डीएजेडएन को अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की रक्षा करने में सक्षम होना होगा। ज्वाइंट स्पोर्ट्स पाइरेसी टास्क फोर्स पहल के हिस्से के रूप में एसीई द्वारा किया जाने वाला प्रवर्तन कार्य इस कार्य का एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह देखना सुखद है कि इस आकार के आपराधिक प्रयास को प्रभावी ढंग से निपटाया जा रहा है और सकारात्मक नतीजे यह है कि सब्सक्राइबर्स को डीएजेडएन जैसे कंटेंट के वैध प्रदाताओं पर फिर से र्निर्देशित किया जाएगा।”

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी


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