''एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी: गोधरा', सुर्खियों में क्यों है ये फिल्म?

''एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी: गोधरा', सुर्खियों में क्यों है ये फिल्म?

मुंबई, 18 जुलाई (आईएएनएस) निर्देशक एम.के.शिवाक्ष की ‘एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी: गोधरा’ इस साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक है।

कहानी 2002 में भारत के सबसे विवादित गोधरा कांड के इर्द-गिर्द घूमती है। जब गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।

यह ट्रेन अयोध्या से आ रही थी। इसमें ज्‍यादातर कारसेवक मौजूद थे।

अदालत में गोधरा मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील महमूद कुरैशी (रणवीर शौरी द्वारा अभिनीत) का सामना हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रवींद्र पांड्या (मनोज जोशी) से होता है।

फिल्‍म में इस मामले की कार्रवाई में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह मामला एक साजिश के तहत किया गया था, या यह एक दुर्घटना थी।

वकील महमूद कुरैशी यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि गोधरा ट्रेन जलाने का मामला एक दुर्घटना थी, लेकिन क्या यह साबित करना वाकई इतना आसान था? इसका जवाब जानने के लिए फिल्म देखनी चाहिए।

इस हाई-वोल्टेज कोर्टरूम ड्रामा को एम.के. शिवाक्ष ने खूबसूरती से निर्देशित किया है।

रणवीर शौरी और मनोज जोशी फिल्म के मुख्य आकर्षण हैं, जिन्होंने अदालत में विरोधी वकीलों की भूमिका को शानदार ढंग से निभाया है।

इसके अलावा हितू कनोडिया, डेनिशा घुमरा, राजीव सुरती, अक्षिता नामदेव और एम.के. शिवाक्ष जैसे अन्य कलाकारों ने भी अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।

जीवित मानव जलने के दृश्य और कुछ जले हुए शवों के दृश्यों को इस तरह से चित्रित किया गया है कि उन्हें देखना वाकई हृदय विदारक है।

निर्देशक ने गोधरा ट्रेन जलने के मामले में वास्तव में क्या हुआ था, इसे वास्तविक रूप से दिखाने की कोशिश की है।

अदालत के अंदर और बाहर दोनों जगह संवादों का संतुलन अच्छा है।

गोधरा मामले से जुड़े कई आम सवालों के जवाब नहीं है, लेकिन इस फिल्म को देखने के बाद दर्शकों को कई ऐसे जवाब मिलेंगे, जिनकी तलाश वे पिछले तीन दशकों से कर रहे थे।

बेहतरीन निर्देशन और पटकथा के अलावा संगीत भी फिल्म की एक खूबी है।

वी. रक्स और युग भुसाल का संगीत काफी प्रभावशाली है और परिस्थिति के अनुकूल है।

गायक कैलाश खेर का गाना ‘हो मंगलम’ फिल्म की खूबसूरती को बढ़ाता है।

फिल्म में गोधरा मामले को पेश करने में मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। मीडिया और कुछ बुद्धिजीवी इस बात पर चर्चा करते हैं कि ट्रेन जलने के बाद क्या हुआ, लेकिन यह नहीं कि ट्रेन किसने जलाई?

फिल्म निर्माताओं ने गोधरा मामले की उन कहानियों को कवर करने की कोशिश की है जो उजागर नहीं हुई हैं या जिनको छुआ नहीं गया। मूवी साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच में जिंदा जले गोधरा पीड़ितों को श्रद्धांजलि देती है।

कुल मिलाकर, यह फिल्म गोधरा की अनकही कहानी को सामने लाने और इस हाई-प्रोफाइल मामले के बारे में कई सवालों के जवाब देने के बेहतरीन प्रयासों में से एक है। तो, इंतजार क्यों? अपने नजदीकी सिनेमा हॉल में जाकर इसे देखें।

फिल्म: एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी: गोधरा’

कलाकार: रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितू कनोडिया, डेनिशा घुमरा, राजीव सुरती, अक्षिता नामदेव और एम.के. शिवाक्ष

निर्माता: बी.जे. पुरोहित

निर्देशक: एम.के. शिवाक्ष

शैली: ड्रामा

अवधि: 02:13 घंटे

सेंसर: A

आईएएनएस रेटिंग: ****

–आईएएनएस

एमकेएस/केआर

E-Magazine