अबू आजमी देश विरोधी हैं, यूसीसी जल्दी लागू हो : अर्जुन सिंह


कोलकाता, 4 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने मंगलवार को आईएएनएस से बात करते हुए तमिलनाडु में भाषा विवाद और अबू आजमी द्वारा औरंगजेब को लेकर दिए बयान पर महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामे पर प्रतिक्रिया दी।

अर्जुन सिंह ने कहा, “अबू अजमी तो देश विरोधी है। वह मुसलमान होने का ढोंग करते हुए देश के खिलाफ काम करते हैं। औरंगजेब ने इस देश पर 49 साल शासन किया था और सबसे ज्यादा हिंदुओं का कत्लेआम, महिलाओं का बलात्कार, मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाना उसके ही शासनकाल में हुआ था। उसने शासक बनने के लिए अपने पिता को बिना पानी के मार दिया, जेल में डाल दिया। वह आदमी अबू जैसे नेताओं के लिए ही आइकॉन हो सकता है। इस तरह के मुस्लिम नेता इस तरह की आवाज बुलंद करके अपनी रोटी सेंकते हैं, अपना वोट बैंक बनाते हैं।”

भाजपा नेता ने कहा कि देश में यूसीसी जल्दी लागू हो। जो देश के कानून को नहीं मानता है और उसको धर्म के नाम पर तोड़-मरोड़कर पेश करना चाहता है, ऐसे लोगों को राजनीतिक अधिकार से वंचित करना चाहिए। इस देश के कानून को जो न माने, उसे देश में रहने का कोई हक नहीं है। भारत को जितनी जल्दी हो सके, हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपना परचम लहरा रहा है।

तमिलनाडु में भाषा विवाद को लेकर अर्जुन सिंह ने कहा कि इस देश में संविधान ने 22 भाषाओं को मान्यता दी है। निश्चित रूप से हिंदी देश की भाषा है, एक साथ जोड़ने की भाषा है। इस देश का दुर्भाग्य है कि जितनी भी स्थानीय पार्टियां बनती हैं, वह या तो भाषा के नाम पर बनती हैं या जात-पात के नाम पर। इस देश में जितने मंदिर दक्षिण भारत में हैं, जितने सनातन धर्म के मानने वाले लोग दक्षिण भारत में हैं, मुझे नहीं लगता कि उतने कहीं और होंगे। वहां के मंदिर हजारों वर्षों से बहुत विकसित हैं। लेकिन जब राजनीतिक शासन करने की बात आई, तो वहां के लोगों ने कहीं धर्म के नाम पर, कहीं जाति के नाम पर, सनातन धर्म के लोगों को आपस में लड़वाया, भाषा के नाम पर लड़वाया। हमारे देश के जवान हर एक प्रांत से आते हैं और हर एक भाषा बोलने वाले लोग आते हैं, फिर भी एक साथ काम करते हैं।

कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में छात्र संगठन का चुनाव होना चाहिए। बंगाल सरकार ने इसे रोजगार का साधन बना लिया है, क्योंकि छात्र संगठन और मैनेजिंग कमेटी के चुनाव नहीं कराए जा रहे। इससे केंद्र सरकार से कॉलेज विकास और मिड-डे मील के लिए मिलने वाले फंड का सरकार कथित तौर पर दुरुपयोग कर रही है। अब देखना यह है कि चुनाव की मांग कौन कर रहा है, कोई राजनीतिक पार्टी कर रही है या छात्र कर रहे हैं।”

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे


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