'जाना' के 'स्त्री' से लेकर 'थामा' तक के सफर पर बोले अभिषेक बनर्जी, कहा- 'वह हर जगह ढल जाता है'

मुंबई, 4 नवंबर (आईएएनएस)। मैडॉक हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स में कई अलग-अलग कहानियां हैं, लेकिन कुछ किरदार ऐसे होते हैं जो हर फिल्म में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसा ही एक किरदार है ‘जाना’। यह किरदार पहली बार फिल्म ‘स्त्री’ में देखने को मिला था, लेकिन लोकप्रियता को देखते हुए धीरे-धीरे यह मैडॉक हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स की कई फिल्मों को जोड़ने वाला अहम किरदार बन गया।
इस किरदार को निभा रहे अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने आईएएनएस से इस सफर के अनुभव और अपने किरदार के विकास पर खुलकर बातचीत की।
आईएएनएस से बात करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, ”जाना के किरदार के आगे बढ़ने की कहानी स्वाभाविक और दिलचस्प है। जब मैंने पहली बार ‘स्त्री’ में जाना का रोल निभाया, तो मुझे और टीम को भी नहीं पता था कि यह किरदार आने वाली फिल्मों में इतनी अहम भूमिका निभाएगा। हर नई फिल्म के साथ जाना का किरदार बढ़ता और बदलता गया, लेकिन उसकी मौलिक पहचान हमेशा बनी रही।”
अभिषेक इसे अपने करियर का एक खास अनुभव मानते हैं क्योंकि किसी भी अभिनेता को एक ही किरदार को इतनी फिल्मों में निभाने का बहुत कम अवसर मिलता है।
अभिषेक ने अपने किरदार की लोकप्रियता में निर्देशक और लेखक टीम की भूमिकाओं को भी सराहा। उन्होंने कहा, ”अमर कौशिक, दिनेश विजान, नीरेन भट्ट और पूरी लेखन टीम ने जाना को हर फिल्म में अहम बनाया है। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि चाहे फिल्म ‘स्त्री’ हो, ‘भेड़िया’ हो, ‘मुंज्या’ हो या फिर ‘थामा’, जाना हर कहानी में अपने आप को फिट कर सके। यह टीम जाना की रूह को हमेशा बनाए रखती है और हर कहानी में उसे प्रासंगिक बनाना जानती है।”
जाना का सबसे खास पहलू यह है कि वह हर फिल्म के माहौल और कहानी में आसानी से फिट हो जाता है।
अभिषेक ने कहा, ”हर बार जब मैं जाना के किरदार को निभाता हूं, तो मुझे हैरानी होती है कि टीम किस तरह मजेदार तरीके से कहानी से जुड़ा रखती है। जाना हर जगह अपने आप को ढाल लेता है और ऐसा लगता है कि वह इस यूनिवर्स का हिस्सा ही है।”
अभिषेक ने हाल ही में रिलीज हुई आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘थामा’ में जाना का किरदार निभाया था। इसको लेकर अभिनेता ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि दर्शक अभी भी जाना को देखना पसंद करते हैं और उसकी यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं।
अभिषेक का मानना है कि जाना का सफर उतना ही अप्रत्याशित और मनोरंजक है जितना कि पूरा मैडॉक हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स। हर फिल्म में उसका किरदार नया अनुभव देता है और दर्शकों को हंसाता भी है।
–आईएएनएस
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