तकनीक-प्रेमी युवाओं के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष एक सकारात्‍मक पहल : उद्योग जगत

तकनीक-प्रेमी युवाओं के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष एक सकारात्‍मक पहल : उद्योग जगत

नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस) । प्रौद्योगिकी क्षेत्र में युवाओं के लिए दीर्घकालिक, ब्याज मुक्त वित्तपोषण प्रदान करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष एक सकारात्मक उपाय है, क्योंकि सूर्योदय उद्योगों जैसे विनिर्माण, नवाचार और विकास का समर्थन करने के लिए पूंजी तक पहुंच एक महत्वपूर्ण कारक है। यह बात उद्योग जगत के नेताओं ने गुरुवार को कही।

लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कोष “दीर्घकालिक कम या शून्य ब्याज दरें प्रदान करेगा, ताकि युवा बड़े पैमाने पर नवाचार कर सकें।”

वित्त मंत्री ने कहा,“हमारे तकनीक-प्रेमी युवाओं के लिए, यह एक स्वर्ण युग होगा। 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया जाएगा। यह कोष लंबी अवधि और कम या शून्य ब्याज दरों के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त प्रदान करेगा।”

इससे निजी क्षेत्र को सूर्योदय क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें ऐसे कार्यक्रम बनाने की ज़रूरत है जो हमारे युवाओं और प्रौद्योगिकी की शक्तियों को संयोजित करें।”

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर ने कहा कि दीर्घकालिक, ब्याज मुक्त या कम ब्याज दर वाले ऋण निजी क्षेत्र को अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”

ब्लैकसॉइल कैपिटल के सह-संस्थापक और निदेशक अंकुर बंसल ने कहा कि इस कदम से उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। बंसल ने कहा, “इसके अलावा, इस तरह की पहल निजी क्षेत्र और विदेशी निवेशकों से निवेश को आकर्षित करेगी, विकास को गति देगी और भारत को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाएगी।”

सरकार के अनुसार, प्राथमिकता भारतीय एमएसएमई को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान करना और सशक्त बनाना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।

डेलॉइट इंडिया के पार्टनर और टीएमटी इंडस्ट्री लीडर, पीयूष वैश्य ने कहा कि बड़े ब्याज मुक्त परिव्यय से 5जी, जेनरेटिव एआई, एग्रीटेक और हेल्थ टेक के आसपास उभरते क्षेत्रों में हमारे तकनीकी स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा मिलेगा।

वैश्य ने कहा,“सनराइज डोमेन में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त (दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त) के साथ उपलब्ध कराया जाने वाला 1 लाख करोड़ रुपये का कोष इस क्षेत्र के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। यह भारत को नवाचार और कौशल वृद्धि में सबसे आगे रहने के लिए प्रेरित करेगा।”

भारत में केपीएमजी के इंडिया ग्लोबल के सह-प्रमुख और सीओओ, नीरज बंसल ने कहा कि यह कोष भारत के अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करेगा, जो देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

–आईएएनएस

सीबीटी/

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