तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को अधिकारियों को इस भीषण गर्मी में लोगों को निर्बाध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
दरअसल, राज्य के कई हिस्सों में चल रही लू की स्थिति के मद्देनजर चेन्नई में मुख्यमंत्री स्टालिन ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। अध्यक्षता करते मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गर्मी अपने साथ दो तरह के संकट लेकर आई है।
राज्य के पश्चिमी जिलों में कम बारिश हुई- सीएम
सीएम स्टालिन ने कहा, “एक तो अत्यधिक गर्मी और दूसरा पीने के पानी की बढ़ती मांग।” उन्होंने कहा, हालांकि पिछले मॉनसून सीजन के दौरान तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई थी, जिससे उस इलाके में बाढ़ आ गई। मगर राज्य के अन्य हिस्सों में खासकर पश्चिमी जिलों में कम बारिश हुई।
इस बार उम्मीद से कम हो सकती है बारिश
हाई लेवल बैठक में राज्य के मुख्य सचिव और अन्य विभागीय सचिवों ने मुख्यमंत्री को पेयजल की कमी के बारे में बताया। इसके अलावा, भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान पहले या दो महीनों में बारिश की मात्रा उम्मीद से कम हो सकती है।
बांधों में पानी का संयम से इस्तेमाल करना होगा- सीएम
सीएम स्टालिन कहा, “हम एक मुश्किल दौर में हैं जहां हमें बांधों में पानी का संयम से इस्तेमाल करना होगा और अगले दो महीनों के लिए पीने के पानी की आवश्यकता को पूरा करना होगा।” वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों से पीने के पानी की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेने और समस्याओं का तुरंत समाधान करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि राज्य के 22 जिलों को पहले ही सूखाग्रस्त जिले घोषित किया जा चुका है और जल आपूर्ति कार्यों के लिए राज्य आपदा राहत कोष से 150 करोड़ रुपये रखे गए हैं।