चुनाव आयोग ने मणिपुर के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में भी दोबारा मतदान कराने का फैसला किया है। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के 8 मतदान केंद्रों पर दोबारा वोटिंग कराई जा रही है। अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिगं के दौरान कई मतदान केंद्रों पर हिंसा हुई थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने इन केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने का फैसला किया है। चुनाव आयोग ने अरुणाचल प्रदेश के चार जिलों के आठ मतदान केंद्रों पर हुए लोकसभा चुनाव को ‘अमान्य’ घोषित कर दिया था।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने रविवार को एक आदेश में घोषणा की थी कि आठ बूथों पर विधानसभा चुनाव के लिए पुनर्मतदान सुबह 6 बजे शुरू होगा और दोपहर 2 बजे समाप्त होगा।
पीटीआई के हवाले से एक अधिकारी के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को नुकसान पहुंचाने की खबरें सामने आईं थी।
इन बूथों पर हो रहा फिर से मतदान
पुनर्मतदान के लिए निर्धारित मतदान केंद्र हैं –
कुरुंग कुमेय में न्यापिन विधानसभा सीट के तहत पूर्वी कामेंग जिले लोंगटे लोथ के भीतर बामेंग विधानसभा क्षेत्र में सारियो, ऊपरी सुबनसिरी जिले के नाचो निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत डिंगसर, बोगिया सियुम, जिम्बारी और लेंगी मतदान केंद्र। इसके अलावा, सियांग जिले के रुमगोंग विधानसभा क्षेत्र के तहत बोग्ने और मोलोम मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान होगा।
पहले चरण में 76.44% हुआ मतदान
पूर्वोत्तर राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में से 50 विधायकों को चुनने के लिए कुल 8,92,694 मतदाताओं में से लगभग 76.44 प्रतिशत ने 19 अप्रैल को वोट डाले।
मणिपुर के 11 बूथों पर हुआ फिर से मतदान
2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान 11 बूथों पर हिंसा के कारण चुनाव आयोग के निर्देश के बाद संघर्षग्रस्त मणिपुर के कुछ हिस्सों में पुनर्मतदान हुआ।
ईसीआई और मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, सोमवार, 22 अप्रैल को राज्य भर के 11 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराया गया।
पुनर्मतदान का निर्णय लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान हुई गड़बड़ी के कारण लिया गया, जिसमें एक घटना भी शामिल थी जिसमें उपद्रवियों ने एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी की थी।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को आंतरिक मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर हुए पुनर्मतदान के दौरान 81.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि किसी भी मतदान केंद्र पर गड़बड़ी या हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई।
मणिपुर के संघर्षग्रस्त क्षेत्र में पहले चरण के दौरान कुछ मतदान केंद्रों पर गोलीबारी, धमकी और ईवीएम को नष्ट करने की घटनाएं देखी गईं। इस दौरान बूथ कैप्चरिंग के भी आरोप लगे। इन चुनौतियों के बावजूद, मणिपुर में शुक्रवार के चुनावों के दौरान अपने दो लोकसभा क्षेत्रों – आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर – में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।