नांदेड़, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने गुरुवार को तंज कसते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली ‘नकली’ शिवसेना, शरद पवार के नेतृत्व वाली ‘नकली’ एनसीपी और आधे-अधूरे मन वाली कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र के विकास को गति देने की स्थिति में नहीं है। यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत एनडीए सरकार के तहत ही संभव है।
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में हमारे खिलाफ तीन पार्टियां हैं। एक नकली शिवसेना है, दूसरी नकली एनसीपी है और तीसरी आधी-अधूरी कांग्रेस है। गुजरात में एक कहावत है – ‘तीन तिगड़ा काम बिगड़ा’ जब तीन एक हो जाते हैं तो काम बिगड़ जाता है। इसलिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना पार्टी आधी हो गई, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी भी आधी हो गई है।”
अमित शाह ने कहा, “इन दोनों ने कांग्रेस को आधा कर दिया। क्या ये पार्टियां महाराष्ट्र का भला कर सकती हैं? नहीं। ये एक ऑटोरिक्शा हैं, जिसमें तीन पहिए हैं, लेकिन गियरबॉक्स फिएट का है, दूसरा इंजन मर्सिडीज का है। इस रिक्शा की कोई दिशा नहीं है। एक बार चुनाव होने दीजिए, अपसी ”मतभेद से यह गठबंधन टूट जाएगा।दूसरी ओर, हम सभी पीएम मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर लड़ रहे हैं।”
गृहमंत्री ने कार्यकर्ताओं से नांदेड़ से पार्टी उम्मीदवार प्रताप पाटिल चिखलीकर को रिकॉर्ड अंतर से जिताने का आह्वान करते हुए कहा कि मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए चिखलीकर के लिए वोट महत्वपूर्ण है।
उन्होंने शरद पवार पर भी निशाना साधते हुए दावा किया कि यूपीए सरकार में अपने 10 साल के मंत्री वाले कार्यकाल के दौरान उन्होंने पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार की तुलना में राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा, “पवार के 10 साल के मंत्रिस्तरीय कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र को पिछले 10 वर्षों में रिकॉर्ड 7.15 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 1,51,000 करोड़ रुपये मिले। राज्य को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3,90,000 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 75,000 करोड़ रुपये मिले। रेलवे के लिए 2,10,000 करोड़ रुपये, हवाईअड्डों के लिए 4,000 करोड़ रुपये और विशेष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है।”
अमित शाह ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने 10 साल के शासन के दौरान न केवल महाराष्ट्र के विकास को, बल्कि देश के समग्र विकास को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया, जिसका शरद पवार ने विरोध किया था।
उन्होंने कहा, “बालासाहेब ठाकरे औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के पक्ष में थे। लेकिन उनका नाम बदलने के बाद उद्धव ठाकरे के चेहरे पर कोई मुस्कान नहीं थी।”
गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि कश्मीर मुद्दे का महाराष्ट्र और राजस्थान से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने सभा से यह भी पूछा कि क्या अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया जाना चाहिए था या नहीं, भीड़ ने सकारात्मक उत्तर दिया।
–आईएएनएस
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