मुख्तार अंसारी की मुत्यु के बाद उसके पुराने प्रार्थना पत्र को मृत्यु कालीन कथन बताकर इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी बाराबंकी की एमपीएमएलए कोर्ट ने सुनवाई बाद खारिज कर दी। मुख्तार की ओर से यह अर्जी उसके वकील ने दाखिल की थी। बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बांदा के सरकारी अस्पताल के प्रस्तुत प्रपत्र के आधार पर मुख्तार की मृत्यु को हार्ट अटैक से हुई मौत माना।
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद 29 मार्च को अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा गया था कि मुख्तार ने पहले ही जेल में धीमा जहर दिए जाने की बात कहते हुए कभी भी माैत होने की आशंका जताई थी। इसे मृत्यु कालीन कथन मानकर मामले में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया जाए। बृहस्पतिवार को मुख्तार अंसारी समेत 12 लोगों पर दर्ज गैंगस्टर मामले में की सुनवाई एमपीएमएलए कोर्ट में अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के समक्ष हुई। अभियोजन की ओर से वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा ने दाखिल अर्जी का कड़ा विरोध किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार भोजनावकाश के बाद मुख्तार की ओर से उनके वकील द्वारा दी गई अर्जी पर अदालत ने फैसला सुनाया। काेर्ट ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर जेल अधीक्षक बांदा द्वारा उपलब्ध कराए गए सरकारी अस्पताल के प्रपत्रों में मुख्तार की मृत्यु हृदय गति रुकने से बताई गई है। इस लिए मुख्तार की ओर से केस दाखिल करने की अर्जी को निरस्त किया जाता है।
पेश हुए जफर व अफरोज, आठ को होगी सुनवाई
एमपीएमएलए कोर्ट में बृहस्पतिवार को गैंगस्टर मामले की सुनवाई में सह अभियुक्त जफर उर्फ चंदा संत कबीरनगर जेल से तो अफरोज गाजीपुर जिले की जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। शेष अभियुक्तों की हाजिरी माफी उनके अधिवक्ता ने दी। जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने इस मुकदमे की अगली सुनवाई के लिए आठ अप्रैल की तारीख नियत की है। बता दें कि बाराबंकी के एआरटीओ आफिस मे फर्जी कागजों से एंबुलेंस पंजीकरण कराने में जालसाजी का मामला दर्ज होने के बाद 25 मार्च 2022 को मुख्तार अंसारी व उसके 12 अन्य सहयोगियों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था।