बीते कुछ महीनों में तकनीकी में एक बेहतरीन बदलाव और विकास देखा गया है। इसका सबसे ज्यादा श्रेय एआई को जाता है। इस विकास को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख बिल गेट्स ने भी माना है।
पीएम मोदी और बिल गेट्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लेकर क्लाइमेट चेंज और वुमन एंपावरमेंट तक कई जरूरी मुद्दों पर बात की है। आइये जानते हैं कि इन दोनों व्यक्तित्वों का इस पर क्या विचार है।
गेट्स ने की तकनीकी प्रगति की सराहना
- बिल गेट्स ने पीएम मोदी से अपनी बातचीत एआई इनोवेशन में देश की जरूरी भूमिका पर प्रकाश डाला और भारत के तकनीकी विकास की सराहना की। वहीं पीएम मोदी ने भी एआई और रोजमर्रा की जिंदगी के बीच के तालमेल की बात की।
- इसके अलावा इस बातचीत में एआई पर भारत के रणनीतिक फोकस पर भी चर्चा हुई, जिसमें इंडियाएआई मिशन मंजूरी पर भी बात की गई है। इसके तहत अलग-अलग एरिया में रणनीतिक साझेदारी और पहल से एक मजबूत एआई इकोसिस्टम को बढ़ावा देने, नवाचार और समावेशी विकास को बढ़ावा देने का उद्देश्य स्थापित किया गया है।
- पीएम मोदी में इस बातचीत में नमो ड्रोन दीदी प्रोग्राम को भी हाइलाइट किया गया है। इसमें महिलाओं को ड्रोन पायलटिंग के लिए तैयार किया जाएगा।
डिजिटल क्रांति और विकास
- पीएम मोदी ने भारत की डिजिटल क्रांति को लेकर भी बात की गई । वहीं बिल गेट्स ने शासन में प्रौद्योगिकी को अपनाने और आगे बढ़ाने में भारत के नेतृत्व की सराहना की।यह डिजिटल सरकार की तरह है। ऐसे में भारत न केवल प्रौद्योगिकी को अपना रहा है बल्कि आगे भी बढ़ रहा है।
- पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह दुनिया में डिजिटल डिवाइड के बारे में सुनते थे और उन्होंने फैसला किया था कि वह भारत में ऐसा नहीं होने देंगे।
- इसके साथ ही पीएम मोदी ने 2023 G20 समिट और नमो ऐप जैसी पहल के बारे में बताते हुए शासन और समाज के विभिन्न पहलुओं में एआई के इस्तेमाल के बारे में बात की।
- इतना ही नहीं पीएम ने बताया कि G20 के दौरान भाषणों का अनुवाद करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया गया । ऐसे में उन्होंने कहा कि हमें खुद को लगातार बेहतर बनाने के लिए चैटजीपीटी जैसी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
डीपफेक को लेकर जताई चिंताएं
- जैसा कि हम जानते हैं कि डीपफेक भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी समस्याएं होती है। ऐसे में पीएम मोदी ने डीपफेक कंटेंट को तैयार करने में एआई के दुरुपयोग पर चिंता जताई।
- उन्होंने कहा कि अगर इतनी अच्छी चीज यानी एआई बिना उचित प्रशिक्षण के किसी को दी जाती है, तो इसका दुरुपयोग होने की संभावना है।
- ऐसे में उन्होंने कहा कि हमें एआई-जनित कंटेंट पर स्पष्ट वॉटरमार्क के साथ शुरुआत करनी चाहिए। ताकि कोई भी गुमराह न हो।