गोरखनाथ मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प आदि अर्पित करने कर बाद रुद्राभिषेक किया। मठ के विद्वत पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया।
देवाधिदेव महादेव भोले शंकर की उपासना के पावन पर्व महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने भरोहिया के पितेश्वरनाथशिव मंदिर में जलाभिषेक तथा गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की। इसके पहले गोरखनाथ मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प आदि अर्पित करने कर बाद रुद्राभिषेक किया।
सीएम योगी शुक्रवार को सुबह लखनऊ से पीपीगंज के भरोहिया स्थित पितेश्वरनाथ शिव मंदिर पहुंचे। यहां बाबा पितेश्वरनाथ का दर्शन, पूजन व विधि विधान से जलाभिषेक कर सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण, सुख-समृद्धि एवं शांति की प्रार्थना की। पांडवकालीन मान्यता वाले पितेश्वरनाथ मंदिर का गोरक्षपीठ से गहरा नाता है।
गोरक्षपीठाधीश्वर हर महाशिवरात्रि यहां जलाभिषेक करने आते हैं। जलाभिषेक करने के बाद मुख्यमंत्री ने भरोहिया में शिव मंदिर के सामने स्थित गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ के परिसर में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। बच्चों का प्यार से माथा सहला कर आशीर्वाद दिया।
कुछ लोगों से हंसी ठिठोली भी की। स्थानीय स्तर पर विकास से जुड़े कुछ मामलों पर उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि विकास में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। भरोहिया में मुख्यमंत्री के आगमन पर विधायक फतेह बहादुर सिंह, भरोहिया के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि संजय सिंह, जंगल कौड़िया के ब्लॉक प्रमुख बृजेश यादव, गोरख सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।
इसके बाद भरोहिया से गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया। अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर शीश झुकाकर उन्हें नमन किया। तत्पश्चात गोरखनाथ मंदिर परिसर में मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में उन्होंने भगवान भोले शंकर का दुग्ध, दही, घी, मधु और शर्करा से पंच स्नान तथा गो दुग्ध और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक किया।
मठ के पुरोहित एवं वेदपाठी ब्राह्मणों ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया। रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री ने हवन तथा आरती कर चराचर जगत के कल्याण हेतु महादेव शिव से प्रार्थना की