बायजू के 20 हजार कर्मचारियों के वेतन में देरी, सीईओ ने निवेशकों को ठहराया जिम्मेदार

बायजू के 20 हजार कर्मचारियों के वेतन में देरी, सीईओ ने निवेशकों को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। एडटेक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बायजू ने अभी तक अपने कर्मचारियों को फरवरी महीने का वेतन जारी नहीं किया है। इसके संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों से कहा है कि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि वर्तमान में कुछ प्रमुख निवेशकों के “आदेश पर” एक अलग खाते में बंद है जिससे वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है।

कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में रवींद्रन ने कहा है कि राइट्स इश्यू (जो लगभग 25-30 करोड़ डॉलर है) को सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है। आईएएनएस के पास पत्र की प्रति मौजूद है।

उन्होंने 20,000 से अधिक कर्मचारियों से कहा, “हालांकि, मुझे आपको यह बताते हुए खेद हो रहा है कि हम अब भी आपके वेतन को प्रोसेस करने में असमर्थ होंगे। पिछले महीने, हमें पूंजी की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, और अब धन होने के बावजूद हमें देरी का सामना करना पड़ रहा है।”

रवीन्द्रन ने आगे कहा कि कुछ चुनिंदा लोग (इसके 150 से ज्यादा निवेशकों में से चार) “हृदयहीन स्तर तक गिर गए हैं, यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम आपकी मेहनत की कमाई का भुगतान करने के लिए जुटाए गए धन का उपयोग करने में असमर्थ हैं”।

उन्होंने कहा, “उनके आदेश पर, राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि वर्तमान में एक अलग खाते में बंद है। यह एक दुःखद वास्तविकता है कि इनमें से कुछ निवेशकों ने पहले ही पर्याप्त मुनाफा कमा लिया है – वास्तव में, उनमें से एक ने बायजू में अपने शुरुआती निवेश से आठ गुना अधिक मुनाफा कमाया है।”

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने बायजू को निर्देश दिया है कि निवेशकों के साथ मामले का निपटारा होने तक राइट्स इश्यू से प्राप्त आय को एक अलग खाते में रखा जाए।

रवीन्द्रन ने कहा कि उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, “हमारे पास दिल दहला देने वाली वास्तविकता का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि हम अस्थायी रूप से आपको वह वित्तीय सहायता प्रदान करने में असमर्थ हैं जिसके आप हकदार हैं”।

उन्होंने पत्र में लिखा, “हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि आपके वेतन का भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए। हम ये भुगतान उसी क्षण कर देंगे जब हमें कानून के अनुसार ऐसा करने की अनुमति मिलेगी।”

–आईएएनएस

एकेजे/

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