इंडिया इंक में चल रहा मुनाफ़े का लोकतंत्रीकरण : रिपोर्ट

इंडिया इंक में चल रहा मुनाफ़े का लोकतंत्रीकरण : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। एक रिपोर्ट के मुताबिक एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि साल दर साल 16 फीसद की टैक्स वृद्धि के बाद निफ्टी का मुनाफा बीएसई 500 (26 फीसद सालाना) से काफी कम था, जो मुनाफे के लोकतंत्रीकरण की हमारी थीसिस को मजबूत करता है। छोटे और मिड कैप पर हमारे सकारात्मक दृष्टिकोण को मजबूत करता है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है “एक समस्या दोनों सूचकांकों में राजस्व वृद्धि में अभिसरण है, यदि यह जारी रहता है, तो समय के साथ लाभ वृद्धि भी समान होने की संभावना है, मार्जिन अंतर कम हो रहा है। इससे एसएमआईडी की कहानी और भी नीचे से ऊपर हो जाएगी और व्यापक आउटपरफॉर्मेंस कम हो सकता है।”

वित्तीय वर्ष 2024 की आय मजबूत थी और काफी हद तक अनुमान के अनुरूप थी। टॉपलाइन वृद्धि कमजोर और मार्जिन बनी हुई है। हालांकि, क्रमिक रूप से स्थिर है। पिछले साल कमजोर आधार से लाभान्वित हुआ। आम सहमति से निफ्टी आय अनुमान पूरे कमाई सत्र के दौरान लचीला और अपरिवर्तित रहा।

उद्योगपति टॉपलाइन और मार्जिन पर आगे रहे, जबकि उपभोक्ता विवेकाधीन को परिचालन उत्तोलन से सहायता मिली। वित्तीय स्थिति में स्थिर वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, आधार प्रभाव और विकास दर कम हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हम बाजार को लेकर रचनात्मक बने हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि चालू वर्ष 24 के ज्यादातर रिटर्न अप्रैल-सितंबर की अवधि में मिलेंगे।

बीएसई-500 की कुल आय एक बार फिर मजबूत और लचीली रही। गैर-वित्तीय के लिए, टॉपलाइन ग्रोथ में 1 से 4 फीसद की क्रमिक तेजी देखी गई।

कुल मिलाकर, पीएटी वृद्धि 26 फीसद पर मजबूत थी, जो कि अभी भी स्वस्थ है (वित्तीय वर्ष 24 के दूसरा क्वार्टर में 58%)। वहीं, सकारात्मक आधार प्रभाव अब कम हो रहा है।

विकास और मार्जिन के मामले में इंडस्ट्रियल्स शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरे। उपभोक्ता विवेकाधीन ने कमजोर बिक्री वृद्धि पर मजबूत परिचालन लाभ प्रदान किया, जबकि सामग्री ने कमजोर टॉपलाइन के बीच मार्जिन और पीएटी लचीलापन दिखाया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइनेंशियल ने अपनी स्थिर डिलीवरी जारी रखी पर आधार प्रभाव और क्रेडिट लागत के सामान्यीकरण के कारण पीएटी वृद्धि प्रक्षेपवक्र अब कमजोर हो रहा है।

–आईएएनएस

एसएचके/एबीएम

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