उत्तर प्रदेश के नीट अभ्यर्थी की कोटा में बीमारी से मौत, एक अन्य छात्र लापता

उत्तर प्रदेश के नीट अभ्यर्थी की कोटा में बीमारी से मौत, एक अन्य छात्र लापता

जयपुर, 19 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के एक नीट अभ्यर्थी की बीमार पड़ने के बाद राजस्थान के कोटा में मौत हो गई जबकि जेईई अभ्यर्थी एक अन्य छात्र पिछले एक सप्ताह से लापता है। अधिकारियों ने सोमवार को यहां इसकी पुष्टि की।

उत्तर प्रदेश के छात्र की पहचान अलीगढ़ के 21 वर्षीय शिवम राघव के रूप में हुई है। वह पिछले तीन साल से कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी कर रहा था।

कुन्हारी थाना के उप-निरीक्षक राजाराम ने कहा, “राघव पिछले छह महीने से मधुमेह और रक्तचाप से पीड़ित था। शुक्रवार को उनकी हालत बिगड़ने पर एमबीएस अस्पताल ले जाया गया।”

उन्होंने बताया कि राघव की हालत लगातार बिगड़ती गई जिसके बाद उसे आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई।

राघव की मौत पिछले चार दिनों में कोटा में किसी कोचिंग छात्र की बीमारी से हुई दूसरी मौत है।

दोस्तों के साथ डिनर करने के बाद गुरुवार को जेईई अभ्यर्थी परमीत राज रॉय की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। उसके पिता राजीव रंजन रॉय ने मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच की मांग की है।

पुलिस अधिकारियों ने आईएएनएस से पुष्टि की कि जेईई का एक छात्र पिछले आठ दिन से लापता है। मध्य प्रदेश (राजगढ़) का 16 वर्षीय छात्र रचित सौंधिया एक परीक्षा देने के बहाने छात्रावास से निकला था, लेकिन वह आठ दिन से वापस नहीं आया है। वह पिछले एक साल से कोटा में जेईई की तैयारी कर रहा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्र की आखिरी लोकेशन गार्डिया महादेव मंदिर इलाके में मिली थी।

अधिकारियों ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर पुलिस की अलग-अलग टीमें छात्र की तलाश में जुटी हैं।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उसका बैग और चप्पल पास की चंबल नदी में पाए गए। चंबल में मगरमच्छ, बीहड़ हैं, इसलिए जब तक हमें कोई पुष्टि नहीं मिल जाती, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता।”

इस बीच, निवर्तमान एसपी शरत चौधरी ने आईएएनएस को बताया कि कोचिंग छात्रों को पढ़ाई के दबाव में फंसा और फिर आत्महत्या करते देखना दुःखद है। इस बार जब जेईई का रिजल्ट घोषित होना था तो छात्रों की आत्महत्या, उनकी बीमारी और लापता होने के मामले सामने आए। कभी-कभी, हमें लगता है कि परिणाम घोषित होने से एक सप्ताह पहले इन छात्रों को उनके मूल स्थानों पर भेजने की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपने माता-पिता से भावनात्मक समर्थन मिल सके। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिणाम क्या है, कम से कम, उनके पास एक सपोर्ट होगा।

कोटा में इस साल चार कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की है, जबकि पिछले साल 29 जेईई और नीट उम्मीदवारों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।

–आईएएनएस

एकेजे/

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