नासा समर्थित निजी अमेरिकी फर्म का लैंडर चंद्रमा के लिए लॉन्च

नासा समर्थित निजी अमेरिकी फर्म का लैंडर चंद्रमा के लिए लॉन्च

नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। नासा समर्थित प्राइवेट अमेरिकी कंपनी इंटुएटिव मशीन्स का लैंडर आखिरकार गुरुवार को चंद्रमा के लिए लॉन्च हो गया है।

लैंडर को पहले 14 फरवरी को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मीथेन ईंधन की कमी को लेकर इसे टाल दिया गया।

ह्यूस्टन स्थित इंट्यूएटिव आईएम-1 चंद्र लैंडर ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के पैड 39ए से 1.05 बजे ईटी पर स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के ऊपर से उड़ान भरी।

स्पेसएक्स ने एक्स पर लिखा, ”चंद्रमा पर आज का मिशन नासा के सीएलपीएस कार्यक्रम के लिए हमारा फाल्कन फ्लीट लॉन्च करने वाला पहला मिशन है, जो मानवता को चंद्रमा और मंगल ग्रह का पता लगाने में सक्षम बनाने में मदद करेगा और इससे भी आगे हमें जीवन को बहुग्रहीय बनाने की दिशा में एक कदम और करीब लाएगा।”

जनवरी में नासा समर्थित एक अन्य कंपनी, एस्ट्रोबायोटिक टेक्नोलॉजी के चंद्र लैंडर को गंभीर ईंधन हानि का सामना करना पड़ा था और वह चंद्रमा तक नहीं पहुंच सका।

सफल होने पर रोबोटिक नोवा-सी लैंडर ओडीसियस 22 फरवरी को चंद्रमा की सतह पर धीरे से उतरने वाला पहला निजी अंतरिक्ष यान बन जाएगा।

लैंडर में नासा के छह उपकरण हैं जो चंद्र पर्यावरण की जांच करेंगे और नासा आर्टेमिस मिशन के लिए प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करेंगे।

आईएम-1 मिशन नासा की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (“सीएलपीएस”) पहल के हिस्से के रूप में इंट्यूएटिव मशीन्स का चंद्र लैंडिंग का पहला प्रयास है, जो नासा के आर्टेमिस चंद्र अन्वेषण प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सीएलपीएस के हिस्से के रूप में चंद्रमा की सतह पर भेजे गए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पेलोड का उद्देश्य मानव मिशन और चंद्रमा की सतह पर मानव की स्थायी तौर पर मौजूदगी सुनिश्चित करना है।

सफल होने पर मिशन लगभग 50 वर्षों के बाद अमेरिका को चंद्र क्षेत्र में वापस लाएगा। दिसंबर 1972 में अपोलो 17 के बाद से अमेरिका ने चंद्रमा पर उतरने का प्रयास नहीं किया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक्‍स पर कहा, ”नासा का विज्ञान स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर चंद्रमा पर लॉन्च करने के लिए तैयार इंट मशीन्स के नोवा-सी लैंडर पर आधारित है। मालापर्ट ए क्रेटर के पास उतरने से हमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में और अधिक जानने में मदद मिलेगी, जो हमारे आर्टेमिस अभियान में एक बड़ा कदम है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एसजीके

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