नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। लाल सागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक संकट के कारण वैश्विक जहाजों की आवाजाही बाधित होने के बावजूद जनवरी में देश का निर्यात 3.1 फीसदी बढ़कर 36.92 अरब डॉलर हो गया। पिछले साल जनवरी में यह 35.8 अरब डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि जनवरी 2024 में देश का व्यापारिक आयात भी एक साल पहले की तुलना में तीन प्रतिशत बढ़कर 54.41 अरब डॉलर हो गया, हालाँकि दिसंबर 2023 के 58.25 अरब डॉलर की तुलना मे यह कम है।
व्यापारिक व्यापार घाटा कम होकर नौ महीने के निचले स्तर 17.49 अरब डॉलर पर आ गया, जो देश के व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों की मजबूती दर्शाता है। इससे रुपये पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी।
दिसंबर 2023 में व्यापारिक व्यापार घाटा 19.80 अरब डॉलर था।
लाल सागर के आसपास हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर किए गए हमलों ने व्यापार को बाधित कर दिया है। शिपमेंट को अब अफ्रीका के दक्षिणी सिरे पर केप ऑफ गुड होप के माध्यम से लंबे मार्ग से भेजना पड़ता है जिसके कारण परिवहन लागत में वृद्धि हुई है। इससे माल की समग्र आवाजाही भी धीमी हो गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यूरोप के साथ भारत का लगभग 80 प्रतिशत माल व्यापार – जो लगभग 14 अरब डॉलर प्रति माह है – आमतौर पर लाल सागर से होकर गुजरता है। इन सामानों को अब अफ्रीका के रास्ते लंबे मार्ग पर लगभग पाँच हजार अतिरिक्त समुद्री मील की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें लगभग 15 दिन ज्यादा लगते हैं।
–आईएएनएस
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