लोकसभा में गुरुवार यानी 8 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर पेश किया था जिसपर शुक्रवार (9 फरवरी) को लोकसभा में चर्चा के को लेकर खूब हंगामा बरपा है। आज के दिन सदन में इस मामले पर नियम 342 के तहत चर्चा हो रही है। इस बीच BSP सुप्रीमों मायावती का इस पूरे मामले पर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने केंद्र के तरफ से जारी श्वेत पत्र पर कई सवाल खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी सरकार और कांग्रेस दोनों पर हमला बोला है।
अपने बयान में मायावती ने कहा कि, “BJP और कांग्रेस के बीच आगामी लोकसभा चुनाव से पहले गंभीर आरोप प्रत्यारोप की आपाधापी तथा ब्लैक पेपर (काला पत्र) और वाइट पेपर (श्वेत पत्र) आदि जारी करके एक-दूसरे को गलत एवं जनविरोधी साबित करने का खेल चुनावी स्वार्थ के सिवाय कुछ भी नहीं तथा ऐसी संकीर्ण राजनीति से देश व जनहित एवं जनकल्याण कैसे संभव? वो भी ऐसे समय पर जब कुछ मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश के करोड़ों लोग जबरदस्त महंगाई, अपार गरीबी, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली तथा ग्रामीण भारत की दुर्दशा आदि के तनावपूर्ण जीवन की मार से लगातार त्रस्त हैं जिससे देशहित भी लगातार प्रभावित है। ऐसे समय पर सभी स्वार्थ व विद्वेष आदि को त्याग कर देश की अति-चिन्तनीय राष्ट्रीय समस्याओं पर संगठित प्रयास बहुत जरूरी।
कांगेस पार्टी की तरह ही भाजपा का रिकार्ड – मायावती
BSP सुप्रीमो ने कहा कि, “वैसे तो हर सरकार समय-समय पर “वाइट पेपर” जारी करके आँकड़ों के माध्यम से अपनी वाहवाही बटोरने के साथ ही पिछली सरकार को कठघरे में खड़ा करके आत्मसंतुष्टि का प्रयास करती है। मगर हर सरकार की नीति व उसके कार्यकलापों का सही ऑकलन जनता की बेहतर रोटी-रोजी व इनकी खुशी एवं खुशहाल जीवन पर निर्भर है और जिस मामले में पहले कांगेस पार्टी की तरह ही वर्तमान में भाजपा सरकार का रिकार्ड भी न तो उल्लेखनीय और न ही सराहनीय माना जायेगा।
सदन में दिनभर श्वेत पत्र पर होगी चर्चा
बता दें, वित्त मंत्री सीतारमण ने आज सदन में श्वेत पत्र पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि, “यह सदन भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के जीवन पर इसके प्रभाव पर श्वेत पत्र पर विचार करेगा।” वहीँ, इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी देते हुए कहा कि आज का सदन में दिनभर अर्थव्यवस्था पर पेश किए गए श्वेत पत्र पर चर्चा होगी।
श्वेत पत्र में UPA सरकार के घोटालों की जानकारी
गौरतलब है कि सरकार ने गुरुवार को संसद में पेश अपने श्वेत पत्र में UPA सरकार के कार्यकाल के दौरान के हुए घोटालों और कुप्रबन्धनों का जिक्र करते हुए यूपीए सरकार के कार्यकाल में यानी 2014 से पहले भारत की अर्थव्यवस्था की हालत कितनी कमजोर थी इसपर जानकारी दी है। साथ ही वर्ष 2014 में BJP के सत्ता में आने के बाद किस तरह से मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों पर काबू पाया, देश की आर्थिक विकास की रफ्तार को तेजी दी इस जानकारी को भी साझा किया।