अयोध्या में जबसे प्रभु श्री राम की वापसी हुई तबसे मानों नगरी के भव्यता को चार चाँद लग गए हो। वर्षों के इंतजार के बाद नवनिर्मित भव्य राम मंदिर अब सूर्य के भाँती पूरे ब्रह्मांड में अपने भव्यता की रोशनी बिखेर रहा है। भक्त अपने प्रभु श्री राम लला मात्र एक झलक पाने के लिए दुनियाभर से अवधनगरी आ रहे हैं। जिस तरह से रामलला के भव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आस्था का ज्वार उमड़ता दिख रहा है, उसे देख हर किसी की आँख खुली की खुली रह जा रही है। प्रतिष्ठा समारोह के केवल छह दिनों के भीतर लाखों के संख्या में भक्तों ने राम लला के भव्य मंदिर में पूजा-अर्चना की है। हर दिन लाखों के संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुँच रहे हैं।
अब तक कुल 20.50 लाख लोगों ने किए रामलला के दर्शन
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 23 जनवरी से अब तक कुल 20.50 लाख लोगों ने प्रभु के दर्शन किए हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार हर दिन करीब 1 लाख से अधिक भक्त भगवान राम के दर्शन करने के लिए मंदिर में आ रहे हैं। विशेष रूप से, रविवार को यह आंकड़ा भड़कर 2 लाख हो जाता है। अयोध्या में इस वक़्त देश भर के अलग-अलग राज्यों से, यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर से भी काफी भारी मात्रा में भक्त प्रतिदिन पहुँच रहे हैं।
भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद हर दिन बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या:-
- 23 जनवरी – 5 लाख
- 24 जनवरी – 3.5 लाख
- 25 जनवरी – 2.5 लाख
- 26 जनवरी – 3.5 लाख
- 27 जनवरी – 2.7 लाख
- 28 जनवरी – 2 लाख
- 29 जनवरी – 1.75 लाख
भक्तों के लिए कारपेट बिछाने के साथ बुजुर्गों के बैठने के लिए कुर्सियों का हो प्रबंध – CM योगी
इस बीच वहां उमड़ती श्रद्धालुओं के भींड को देखते हुए योगी सरकार और प्रसाशन ने भी अपनी कमर कस ली है। मंगलवार यानी 30 जनवरी को खुद सीएम योगी ने इस पूरे मामले पर अफसरों व ट्रस्ट के साथ बैठक किया है। बैठक में उन्होंने आदेश दिया है कि जन्मभूमि पथ पर पैदल चलने वाले भक्तों के लिए कारपेट बिछाने के साथ ही बुजुर्गों के बैठने के लिए कुर्सियों की भी बेहतर व्यवस्था किया जाए। अयोध्या में जगह-जगह पीने का पानी उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रसाशन को आदेश दिया है कि वो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें जिससे भक्तों को रामलला के दर्शन बहुत दूर से न करना पड़े। जितना हो सके सबको उतना करीब से दर्शन कराएं। जाम की स्थिति पैदा न हो इसके लिए काॅरिडोर के सभी पथों पर अनधिकृत वाहन न खड़ा होने दें। जगह जगह नो व्हीकल जोन बनाए। कहीं पर भी अतिक्रमण की तनिक मात्र गुंजाइश न रहे।