भारत के लाभ के लिए काम करने वाली निजी सार्वजनिक भागीदारी का एक उदाहरण है चंद्रयान-3

भारत के लाभ के लिए काम करने वाली निजी सार्वजनिक भागीदारी का एक उदाहरण है चंद्रयान-3

चेन्नई/नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस) पिछले साल हुए भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन की सफलता में कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने योगदान दिया है।

23 अगस्त, 2023 को भारत का चंद्रमा लैंडर विक्रम दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की धरती पर सॉफ्ट लैंड हुआ।

जबकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रॉकेट बनाया जो अंतरिक्ष यान चंद्रयान -3, लैंडर विक्रम और चंद्रमा रोवर प्रज्ञान को ले गया, कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों ने देश के सफल मिशन में योगदान दिया है।

हैदराबाद स्थित अनंत टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान के लिए कई महत्वपूर्ण प्रणालियाँ प्रदान कीं। इनमें मिशन की सफलता के लिए आवश्यक टेलीमेट्री और टेलीकमांड सिस्टम, पावर प्रबंधन सिस्टम और डीसी-डीसी कन्वर्टर्स शामिल हैं।

इसके अलावा, अनंत टेक्नोलॉजीज ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ले जाने वाले एलवीएम 3 रॉकेट के लिए एवियोनिक्स पैकेज की भी आपूर्ति की।

इन पैकेजों में ऑन-बोर्ड कंप्यूटर, नेविगेशन सिस्टम, नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीमेट्री सिस्टम, पावर सिस्टम और बहुत कुछ सहित घटकों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

कंपनी के मुताबिक, उसने इसरो के सभी रॉकेटों के लिए घटकों की आपूर्ति की।

भारत की विमान निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इसरो के अंतरिक्ष अभियानों में लंबे समय से योगदान देने वाली कंपनियों में से एक है। चंद्रयान-3 के लिए एचएएल ने प्रणोदक टैंक, मिश्रित, धातु संरचनाओं की आपूर्ति की।

अपनी ओर से, इंजीनियरिंग और निर्माण प्रमुख लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) ने अन्य चीजों के अलावा महत्वपूर्ण बूस्टर खंडों, अर्थात् हेड-एंड खंड, मध्य खंड और नोजल बकेट फ्लैंज की आपूर्ति की।

दिलचस्प बात यह है कि एचएएल-एलएंडटी गठबंधन ने इसरो से पांच ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) या पीएसएलवी रॉकेट बनाने का जनादेश हासिल किया है।

मिश्र धातु निगम ने चंद्र मिशन में उपयोग किए जाने वाले लॉन्च वाहन के विभिन्न घटकों के लिए कोबाल्ट बेस मिश्र धातु, निकल बेस मिश्र धातु, टाइटेनियम मिश्र धातु और विशेष स्टील्स जैसी महत्वपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति की।

चंद्रयान-3 के लिए बैटरियों की आपूर्ति भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स द्वारा की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, बीएचईएल का वेल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) चंद्रयान 3 के लिए द्वि-धातु एडेप्टर की आपूर्ति के लिए भी जिम्मेदार था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एमटीएआर टेक्नोलॉजीज ने कथित तौर पर चंद्रयान -3 मिशन के लिए इंजन और बूस्टर पंप सहित प्रमुख भागों का निर्माण किया है।

कथित तौर पर गोदरेज एयरोस्पेस ने मुख्य चरण के लिए एल 110 और ऊपरी चरण के लिए सीई 20 इंजन थ्रस्ट चैंबर सहित प्रमुख इंजन और थ्रस्टर्स का उत्पादन किया।

अंकित एयरोस्पेस ने मिश्र धातु इस्पात, स्टेनलेस स्टील फास्टनरों और विशेष रूप से तैयार किए गए टाइटेनियम बोल्ट की आपूर्ति करने का दावा किया है, जो मिशन स्थायित्व और प्रदर्शन को बढ़ाने में सहायक हैं।

वालचंदनगर इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसने लॉन्च वाहन में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण बूस्टर सेगमेंट एस200, फ्लेक्स नोजल कंट्रोल टैंकेज और एस200 फ्लेक्स नोजल हार्डवेयर की आपूर्ति की।

ओम्निप्रेजेंट रोबोटिक टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने चंद्रमा रोवर प्रज्ञान के लिए नेविगेशन सॉफ्टवेयर प्रदान किया।

–आईएएनएस

सीबीटी/

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