22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में गोरखपुर से भी वंदे भारत, अमृत भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेनों से श्रद्धालु जाएंगे, लेकिन तकरीबन सौ साल पहले यहां से अयोध्या जाना आसान नहीं था। अयोध्या पहुंचने के लिए कटरा स्टेशन के पास सरयू नदी को नाव से पार करना पड़ता था। इसके लिए रेलवे की तरफ से फेरी वाली नाव चलाई जाती थी।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के संपादन में प्रकाशित पुस्तक छोटी लाइन पर ए जर्नी ऑफ ट्रांसफार्मेशन में इस रोचक प्रसंग का जिक्र है। पंकज सिंह बताते हैं, रेलवे के रिकॉर्ड में बड़ी ही रोचक घटनाओं का जिक्र इस पुस्तक में किया गया है जिसमें गोरखपुर-अयोध्या रेल लाइन पर ट्रेनों के संचलन की पुरानी व्यवस्था भी है।
अयोध्या के नजदीक पूर्वोत्तर रेलवे का उपेक्षित पड़ा स्टेशन कटरा अब अचानक ही चर्चा में है। मनकापुर से अयोध्या जाने वाली लाइन पर स्थित कटरा स्टेशन काफी पुराना है। तकरीबन 127 साल पहले पूर्वोत्तर रेलवे (बंगाल एंड नार्थ वेस्टर्न) की ट्रेन बड़ी नदियों पर पुल नहीं होने की वजह से दोनों किनारे से चलती थी।
बीच में नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लिया जाता था। इसी तरह पटना के पास रेल इंजन व बोगी को पार कराने के लिए गंगा नदी में एक नाव चलाई जाती थी, जिसे बाली नाम दिया गया था। यह नाव इतनी बड़ी थी कि इस पर इंजन के अलावा मालगाड़ी के वैगन को भी लाद दिया जाता था।