तेल अवीव, 4 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि अयातुल्ला के नेतृत्व वाला ईरान इस्लामी गणराज्य मध्य पूर्व में विनाश के सभी तत्वों को एक साथ जोड़ता है।
वह संयुक्त राष्ट्र में लाल सागर में हौथी खतरे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक को संबोधित कर रहे थे। क्षेत्र में जहाजों के खिलाफ हौथी के हमलों की एक सीरीज के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बैठक शुरू की गई थी।
राजदूत गिलाद एर्दान ने अपने भाषण में कहा, ”समुद्री व्यापार पर हौथी के हमले न केवल बढ़े हैं और न ही वे कोई फैलाव हैं। यह अपने आप जादुई तरीके से नहीं हुआ। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो यह वास्तविकता इस क्षेत्र और पूरे विश्व के अंधकारमय भविष्य की एक झलक है।”
यह एक अराजक मध्य पूर्व की शुरुआत है, जो बाकी दुनिया को अराजकता में धकेल देगी। राजदूत एर्दान ने आगे कहा, ”सहयोगियों, यह निश्चित रूप से ‘इजरायल समस्या’ नहीं है। यह ‘मध्य पूर्व की समस्या’ भी नहीं है। यह एक वैश्विक समस्या है… बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य के पूर्ण रूप से बंद होने से विश्व अर्थव्यवस्था को प्रतिदिन 6 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होगा।”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहले ही हौथियों को एक आतंकवादी समूह के रूप में स्वीकार कर लिया है। अब समय आ गया है कि उनके और उन्हें हथियार एवं फंड मुहैया कराने वाले सभी लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लागू किया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि इस परिषद के लिए अब उस समस्या पर बात करने समय आ गया है जिसके बारे में जानते सब हैं, लेकिन बात कोई करना नहीं चाहता। अयातुल्ला शासन एक ऐसी चीज़ है, जो मध्य पूर्व में विनाश के सभी तत्वों को एक साथ जोड़ती है। अयातुल्ला की रणनीति अपने आतंक-प्रॉक्सी कठपुतलियों की डोर खींचते हुए छाया में खड़े रहना है।
दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक हौथी आतंकवादियों के पास निश्चित रूप से ईरानी हथियारों की आपूर्ति के बिना बैलिस्टिक मिसाइल और विस्फोटक ड्रोन नहीं होंगे। वास्तविक समय में ईरानी खुफिया आपूर्ति के बिना उनके पास जहाजों का पता लगाने और उन्हें लक्षित करने की क्षमता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि इसे दुनिया के सामने उजागर करने और कार्रवाई करने का समय आ गया है। यह परिषद के लिए उज्ज्वल क्षण हो सकता है, जब वह मध्य पूर्व के लिए वास्तविक खतरे से निपटेगी।
–आईएएनएस
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