इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध नहीं रोकने पर बाइडेन को अश्‍वेत युवाओं और हिस्पैनिक मतदाताओं को खोने का खतरा


वाशिंगटन, 2 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को गाजा में इजराइल युद्ध पर अपने ढुलमुल रुख के कारण अश्‍वेत युवाओं और हिस्पैनिक वोट बैंक खोने का खतरा है और इससे 2024 में राष्ट्रपति पद बरकरार रखना उनके लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि पांच में से एक अश्‍वेत मतदाता का कहना है कि वे तीसरे पक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे और फ़िलिस्तीनियों ने संघर्ष नहीं रोकने पर निराशा जताई है।

यूएसए टुडे/सफ़ोल्क यूनिवर्सिटी पोल से पता चला है कि 2020 में समर्थन कर जिताने वाले अश्‍वेत और हिस्पैनिक मतदाताओं की नाराजगी ने बाइडेन को कई राज्यों में अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप से पीछे छोड़ दिया है।

हिस्पैनिक मतदाताओं और युवाओं के बीच ट्रंप का आगे हो जाना डेमोक्रेटिक आधार वाले दिग्गजों के लिए चिंताजनक है।

अब पांच में से एक अश्‍वेत मतदाता का कहना है कि वे नवंबर में तीसरे पक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। संभावना यह है कि उम्मीदवार रॉबर्ट कैनेडी जूनियर, जॉन एफ कैनेडी के पोते हैं।

इसलिए वोट ट्रंप को नहीं जा रहे हैं, बल्कि बाइडेन से दूर जा रहे हैं, जिससे बाइडेन के साथ अंतर बढ़ रहा है।

एक नए यूएसए टुडे/सफ़ोक यूनिवर्सिटी पोल में गठबंधन के प्रमुख हिस्सों में समर्थन को मजबूत करने में बाइडेन की विफलता, जिसने उन्हें 2020 में चुना था, ने संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप को 39 प्रतिशत से 37 प्रतिशत तक पीछे छोड़ दिया है, जबकि 17 प्रतिशत किसी अज्ञात तृतीय-पक्ष उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि जब सात उम्मीदवारों को नाम से निर्दिष्ट किया जाता है, तो ट्रंप की बढ़त 3 प्रतिशत अंक तक बढ़ जाती है, यानी 34 से 37 प्रतिशत। जबकि तीसरे पक्ष के उम्मीदवारों में स्वतंत्र कैनेडी जूनियर 10 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर हैं। ये निष्कर्ष राष्ट्रपति के लिए इस साल दूसरा कार्यकाल जीतने की कठिन राजनीतिक चुनौती को रेखांकित करते हैं।.

बाइडेन को वोट देने की योजना बना रहे 55 वर्षीय डेमोक्रेट मिशेल डेर ने कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने काफी अच्छा काम किया है, लेकिन ‘वाह’ कहने लायक प्रशासन नहीं है।”

सर्वेक्षण में शामिल लोगों में वॉशिंगटन के ठीक बाहर एक उपनगर अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया के छोटे व्यवसाय के मालिक भी शामिल थे। उन्‍होंने कहा, “मेरे लिए यह निराशाजनक है कि हमारे पास इस दौड़ में फिर से दो बूढ़े श्‍वेत लोग हैं। मैं भविष्य की ओर देखना चाहता हूं।”

रोपर सेंटर के अनुसार, बाइडेन अब केवल 63 प्रतिशत अश्‍वेत मतदाताओं के समर्थन का दावा करते हैं, जो 2020 में मिले 87 प्रतिशत की तुलना में भारी गिरावट है।

–आईएएनएस

एसजीके


Show More
Back to top button