अमेरिकी सेना ने इराक में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी की

अमेरिकी सेना ने इराक में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी की

वाशिंगटन, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अमेरिकी सैन्य बलों ने क्रिसमस की रात इराक में उन ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिनका इस्तेमाल इराकी अर्धसैनिक समूह कताइब हिजबुल्लाह, जिसे हिजबुल्लाह ब्रिगेड के नाम से जाना जाता है, उसके सहयोगियों द्वारा किया जाता था।

रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि ये हमले राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर और क्षेत्र में गठबंधन बलों के खिलाफ समूहों द्वारा किए गए हमलों के जवाब में किए गए थे।

उन्‍होंने एक बयान में कहा, “उन हमलों में से एक 25 दिसंबर को एरबिल एयर बेस पर हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप तीन अमेरिकी कर्मी घायल हो गए थे। एयर बेस पर हमले के चलते एक सेवा सदस्य की हालत गंभीर हो गई।”

ऑस्टिन ने कहा, “मेरी प्रार्थनाएं उन बहादुर अमेरिकियों के साथ हैं जो घायल हुए हैं।”

उन्‍होंने कहा,”और मैं स्पष्ट कर दूं – राष्ट्रपति और मैं संयुक्त राज्य अमेरिका, हमारे सैनिकों और हमारे हितों की रक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।”

ऑस्टिन ने कहा, “कोई उच्च प्राथमिकता नहीं है। जबकि हम ऐसा नहीं चाहते, क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ाने के लिए हम अपने लोगों और हमारी सुविधाओं की सुरक्षा के लिए और जरूरी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध और पूरी तरह से तैयार हैं।”

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस सेंट्रल कमांड कमांडर जनरल माइकल एरिक कुरिला ने एक बयान में कहा, “इन हमलों का उद्देश्य इराक और सीरिया में गठबंधन बलों पर हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार तत्वों को जवाबदेह ठहराना और हमले जारी रखने की उनकी क्षमता को कम करना है।”

“हम हमेशा अपनी सेनाओं की रक्षा करेंगे।”

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि राष्ट्रपति को “आज सुबह हमले के बारे में तुरंत जानकारी दी गई, और उन्होंने रक्षा विभाग को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिक्रिया विकल्प तैयार करने का आदेश दिया”।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बाद में ऑस्टिन के साथ एक कॉल पर बाइडेन ने कातिब हिजबुल्लाह और संबद्ध समूहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तीन स्थानों पर हमले का आदेश दिया, जो विशेष रूप से मानव रहित हवाई ड्रोन गतिविधियों पर केंद्रित थे।

वॉटसन के बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति नुकसान पहुंचाने वाले अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं रखते हैं। अगर ये हमले जारी रहते हैं तो संयुक्त राज्य अमेरिका हमारी पसंद के अनुसार समय और तरीके से कार्रवाई करेगा।”

–आईएएनएस

एसजीके

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