नई दिल्ली/लखनऊ, 17 दिसंबर (आईएएनएस)1 दिल्ली पुलिस की एक टीम संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के आरोपी सागर शर्मा को उस जगह की जांच करने के लिए लखनऊ ले गई है, जहां उसने कथित तौर पर घटना में इस्तेमाल किए गए रंगीन धुएं के डिब्बे छिपाने वाले जूते बनवाए थे।
जांच से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “आरोपी सागर के साथ एक टीम लखनऊ पहुंच गई है और उसके घर की तलाशी लेगी और जूते बनाने की जगह की जांच करेगी।”
बुधवार को दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में प्रवेश करने में कामयाब रहे दो लोगों की पहचान मनोरंजन डी और सागर शर्मा के रूप में की गई है।
कर्नाटक के इंजीनियरिंग छात्र मनोरंजन और लखनऊ में ई-रिक्शा चालक सागर ने कर्नाटक के मैसुरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर विजिटर पास जारी करवाया था।
13 दिसंबर को दर्ज की गई दिल्ली पुलिस की एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि सागर और मनोरंजन ने सदन के अंदर रंगीन धुआं वाले कनस्तरों को ले जाने के लिए अपने जूते में एक विशेष गुहा बनवाया था।
इसमें कहा गया है कि रंगीन धुएं का उपयोग “लोकसभा के वेल के अंदर करने” की योजना बनाई गई थी।
इसमें कहा गया है कि सागर और मनोरंजन, दोनों के स्पोर्ट्स जूतों में एक कैविटी थी, जो बाएं पैर के जूते के अंदर के सोल को काटकर बनाई गई थी और कैविटी को सहारा देने के लिए नीचे अतिरिक्त रबर सोल लगा दिया गया था।
दोनों ने सदन के अंदर धुआं के कनस्तर कैसे ले गए, इस बारेे में एफआईआर में कहा गया है : “दाएं पैर के जूते का भीतरी तलवा भी आंशिक रूप से कटा हुआ पाया गया। जूते के तलवे की मोटाई भी जूते के तलवे पर अतिरिक्त रबर लगाने से बढ़ी हुई पाई गई।”
इसमें यह भी कहा गया है कि दो कनस्तारों में भरेे क्रिएटिव कलर स्मोक टाइप 003 जो पीले रंग के थे, इस्तेमाल किए गए। दोनों कनस्तरों को सागर और मनोरंजन ने लोकसभा के पटल पर फोड़ दिया था। पुलिस ने अंग्रेजी में मुद्रित नारा “जय हिंद” और तिरंगे में मुट्ठी की तस्वीर और हिंदी में एक नारा भी बरामद किया, जबकि एक अन्य पर्चे में मणिपुर मुद्दे आदि पर अंग्रेजी में एक नारा था।
मनोरंजन, सागर के अलावा अन्य आरोपी हरियाणा के जिंद निवासी नीलम आजाद, महाराष्ट्र के लातूर निवासी अमोल शिंदे, राजस्थान निवासी महेश कुमावत और बिहार निवासी कथित मास्टरमाइंड ललित झा हैं। पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उन पर धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों को सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालना) और आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवकों को ड्यूटी से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), साथ ही यूएपीए की धारा 16 और 18 लगाई गई है।
दिल्ली की एक अदालत ने झा को शुक्रवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि छठे आरोपी कुमावत को भी शनिवार को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। गुरुवार को इसी अदालत ने बुधवार को ही गिरफ्तार किए गए चार अन्य आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
–आईएएनएस
एसजीके