इस्राइल द्वारा लड़ाई में सफेद फास्फोरस के इस्तेमाल की खबरों से अमेरिका परेशान…

इस्राइल द्वारा लड़ाई में सफेद फास्फोरस के इस्तेमाल की खबरों से अमेरिका परेशान…

अमेरिका ने उन रिपोर्ट्स को लेकर चिंता जाहिर की है, जिनमें दावा किया गया है कि इस्राइल द्वारा लेबनान पर किए गए हमले में सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया गया है। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन के समन्वयक जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका इस बारे में और ज्यादा जानकारी जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों की सेनाओं के सफेद फास्फोरस इस उम्मीद से ही मुहैया करता है कि वह इसका सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे और युद्ध के नियमों का पालन करेंगे।

लेबनान के हमले में सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल होने की रिपोर्ट्स
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस्राइल ने अक्तूबर में लेबनान में किए गए हमले में सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया था। जॉन किर्बी ने कहा कि हम इन खबरों को लेकर चिंतित हैं और इस मामले में ज्यादा जानकारी जुटा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सफेद फास्फोरस के हमले में 9 आम नागरिक घायल हुए थे और मानवाधिकार संगठनों की मांग है कि इस मामले की युद्ध अपराध के तौर पर जांच की जानी चाहिए। दरअसल इस्राइली सीमा के नजदीक लेबनान में देहरा इलाके में ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि यहां हमले में सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया गया था।

क्यों खतरनाक है लड़ाई में सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल
सफेद फास्फोरस एक रासायनिक पदार्थ है, जो अपने ज्वलनशील गुणों के लिए जाना जाता है। सफेद फास्फोरस ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर जल उठता है। आम तौर पर इसका इस्तेमाल तोपखाने के गोलों, बम और रॉकेट में किया जाता है। कई बार दुश्मन को भ्रमित करने और तेज रोशनी और गाढ़ा धुंआ पैदा करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है लेकिन अगर इसका इस्तेमाल सीधे इंसानों पर बड़े पैमाने पर किया जाए तो इससे गंभीर जलन महसूस होती है और यह जलन हड्डियों तक पहुंच सकती है।

इस जलन से बने घावों को ठीक होने में काफी वक्त लगता है और उनमें संक्रमण होने का खतरा भी ज्यादा रहता है। यह घाव जानलेवा हो सकते हैं। साथ ही इसके संपर्क में आने पर इंसानों में सांस लेने में दिक्कत और शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। साथ ही सफेद फास्फोरस का इंसानी शरीर पर असर जीवन भर रह सकता है। सफेद फास्फोरस से लगने वाली आग घरों, बिल्डिंग्स को तबाह कर सकती है और अगर कोई इंसान सफेद फास्फोरस से लगी आग की चपेट में आ जाए तो यह हड्डियां तक जलाकर खाक करने की क्षमता रखता है।

इस्राइल ने किया इनकार
वहीं इस्राइली सेना ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस्राइली सेना ने मीडिया रिपोर्ट्स पर कहा कि उन्होंने सिर्फ हथियारों में कानूनी तरीके से ही सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया है। जैसा कि रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस्राइली सेना ने सफेद फास्फोरस से भरे शैल दागे, लेकिन इस्राइली सेना ने इससे साफ इनकार किया है और कहा है कि सिर्फ धुंआ करने के लिए सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया गया ना कि आग लगाने के उद्देश्य से।

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