बिजली मंत्रालय द्वारा बिजली की खपत के आंकड़े जारी होते हैं। मंत्रालय ने नवंबर महीने के बिजली खपत के आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में बिजली खपत लगभग 8 फीसदी बढ़ गई है। इसकी वजह फेस्टिव सीजन और आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी तो माना जा रहा है।
देश में बिजली की खपत में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। सरकार द्वारा हर महीने बिजली खपत के आंकड़े भेजे जाते हैं। सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में बिजली की खपत में करीब 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसकी वजह फेस्टिव सीजन के साथ आर्थिक गतिविधियों को जाता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले की अवधि में बिजली की खपत 110.25 बीयू थी, जो नवंबर 2021 में दर्ज 99.32 बिलियन यूनिट से अधिक है।
चरम बिजली की मांग पूरी हुई – एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति – नवंबर में बढ़कर 204.60 गीगावॉट हो गई। नवंबर 2022 में अधिकतम बिजली आपूर्ति 187.34 गीगावॉट और नवंबर 2021 में 166.10 गीगावॉट थी।
बिजली मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि गर्मियों के दौरान देश की बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी। बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची। हालाँकि, अधिकतम आपूर्ति जून में 224.1 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू गई, लेकिन जुलाई में गिरकर 209.03 गीगावॉट पर आ गई। अगस्त में अधिकतम मांग 238.19 गीगावॉट तक पहुंच गई। इस साल सितंबर में यह 240.17 गीगावॉट थी। अक्टूबर 2023 में अधिकतम मांग 222.16 गीगावॉट थी।
उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि व्यापक वर्षा के कारण इस साल मार्च, अप्रैल, मई और जून में बिजली की खपत प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बिजली की खपत बढ़ी, जिसका मुख्य कारण आर्द्र मौसम और त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों का बढ़ना भी है। उन्होंने कहा कि नवंबर में बिजली की खपत में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि उत्सव और बेहतर आर्थिक गतिविधियों के प्रभाव को दर्शाती है।
बीते महीने कई त्योहार थे। नवंबर में धनतेरस, दिवाली, भैया दूज और देव दीपावली त्योहार थे।
विशेषज्ञ आर्थिक गतिविधियों में सुधार के कारण आने वाले महीनों में बिजली खपत वृद्धि में लगातार वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।