बिजनेस विश्लेषकों, अकाउंटेंट, मनोवैज्ञानिकों को एआई के कारण नौकरी खोने की सबसे अधिक संभावना : रिपोर्ट

बिजनेस विश्लेषकों, अकाउंटेंट, मनोवैज्ञानिकों को एआई के कारण नौकरी खोने की सबसे अधिक संभावना : रिपोर्ट

लंदन, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विशेष रूप से अधिक लिपिक कार्य और वित्त, कानूनी व व्यवसाय प्रबंधन भूमिकाओं से जुड़े व्यवसाय के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और बड़े भाषा मॉडल से प्रभावित होने की सबसे ज्यादा संभावना है।

यूके शिक्षा विभाग द्वारा संकलित लिस्ट के मुताबिक, प्रबंधन सलाहकारों और व्यवसाय विश्लेषकों, लेखाकारों और मनोवैज्ञानिकों के साथ शिक्षण व्यवसायों में एआई के प्रति उच्च जोखिम दिखाया गया है, जहां बड़े भाषा मॉडल का अनुप्रयोग विशेष रूप से प्रासंगिक है।

वित्त और बीमा क्षेत्र किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में एआई के संपर्क में अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई के संपर्क में आने वाले अन्य क्षेत्र सूचना-संचार, पेशेवर, वैज्ञानिक तथा तकनीकी, संपत्ति, सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा एवं शिक्षा है।

सरकारी एजेंसी ने कहा कि उसने एक ऐसी पद्धति अपनाई जिसमें 365 अलग-अलग व्यवसायों और उनके संबंधित व्यावसायिक और कार्यकर्ता विशेषताओं का विश्लेषण किया गया। उनकी तुलना 10 सबसे प्रमुख एआई एप्लिकेशन्स से की गई ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि भूमिकाएं एआई द्वारा स्वचालित की जा सकती हैं या नहीं।

शिक्षा विभाग ने कहा, “एआई के संपर्क में आने वाले व्यवसायों में अधिक पेशेवर व्यवसाय शामिल हैं, विशेष रूप से अधिक लिपिक कार्य और वित्त, कानून तथा व्यवसाय प्रबंधन भूमिकाओं से जुड़े व्यवसाय।”

क्रय प्रबंधकों और निदेशकों के रूप में काम करने वाले पेशेवर एआई द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने की संभावना वाले पांचवें स्थान पर थे, जबकि अर्थशास्त्री और सांख्यिकीविद् सूची में छठे स्थान पर थे।

वित्त और निवेश विश्लेषकों, कानूनी पेशेवरों और यहां तक कि व्यवसाय और संबंधित सहयोगी सहायक भूमिकाओं से जुड़ी नौकरियों की एक विस्तृत श्रृंखला ने सूची में क्रमश 8वें, 9वें और 10वें स्थान पर जगह बनाई।

रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा सलाहकार, मानव संसाधन प्रशासक, लेखाकार और पेरोल प्रबंधक, साथ ही प्रशासनिक सरकारी अधिकारी और विपणन सहयोगी, एआई अधिग्रहण के लिए सबसे कमजोर टॉप 10 से 20 व्यवसायों में से हैं।

अपने परिणामों तक पहुंचने के लिए, यूके शिक्षा विभाग ने कहा कि उसने ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के बार्ड जैसे जेनरेटिव एआई मॉडल के साथ-साथ अन्य बड़े भाषा मॉडल, टॉक-टू-टेक्स्ट एप्लिकेशन और इमेज पहचान एआई की जांच की।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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