नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)। जहां भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने की उम्मीद है, वहीं कुछ अर्थशास्त्रियों को चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर धीमी रहने का अंदेशा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को एक वैश्विक उज्ज्वल स्थान माना जाता है और इसने वित्तवर्ष 2024 की पहली छमाही में एक मजबूत प्रदर्शन दिया है, जिसमें वित्तवर्ष 24 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर साल-दर-साल 7.8% के उच्च स्तर पर है। उच्च आवृत्ति संकेतकों के आंकड़ों के अनुसार, इसके बाद दूसरी तिमाही में 6.8% की ठोस वृद्धि होना तय है।
वित्तवर्ष 24 में उपभोग और निवेश चालक दोनों क्रियाशील थे; जबकि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश के कारण आर्थिक गतिविधि जारी रही है, भारत में एक मजबूत उपभोग मांग भी देखी गई है।
एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान प्रमुख सुमन चौधरी ने कहा, “हालांकि हम सार्वजनिक पूंजीगत व्यय की तीव्रता में किसी महत्वपूर्ण कमी की उम्मीद नहीं करते हैं, लेकिन निर्यात के मोर्चे पर लगातार प्रतिकूल परिस्थितियां, उच्च ब्याज दरों के साथ-साथ उपभोक्ता ऋणों के लिए सख्त फंडिंग माहौल और एल नीनो घटना के कारण कमजोर कृषि उत्पादन जोखिम पैदा कर सकते हैं।”
उन्होंने आईएएनएस को बताया, “हमें वित्तवर्ष 24 की दूसरी छमाही में 5.0-5.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है और हम वित्तवर्ष 24 के लिए 6.0 प्रतिशत के अपने आधार पूर्वानुमान पर कायम हैं।”
–आईएएनएस
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