नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निर्णायक प्राधिकरण ने एडटेक फर्म थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजू रवींद्रन को 9362.35 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है।
ईडी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसने कंपनी को प्राप्त विदेशी निवेश और उसके व्यावसायिक आचरण के संबंध में विभिन्न शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की थी।
यह भी कहा गया कि कंपनी ने भारत के बाहर महत्वपूर्ण विदेशी धन भेजा और विदेशों में निवेश किया जो कथित तौर पर फेमा, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन था और इससे भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ।
जानकारी के आधार पर ईडी ने इस साल 27 और 28 अप्रैल को थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के परिसर और बायजू रवींद्रन के आवास पर तलाशी ली और कंपनी द्वारा प्राप्त सभी निवेशों के साथ-साथ विदेशी निवेशों से संबंधित दस्तावेजों को जब्त कर लिया।
ईडी ने कहा कि जांच के दौरान बायजू रवींद्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी के बयान दर्ज किए गए।
ईडी ने कहा, “जांच के निष्कर्ष पर यह पाया गया कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजू रवींद्रन ने भारत के बाहर किए गए अग्रिम प्रेषण के खिलाफ आयात के दस्तावेज जमा करने में विफल होकर भारत के बाहर किए गए निर्यात की आय का एहसास करने में विफल होकर फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। कंपनी में प्राप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के खिलाफ दस्तावेज दाखिल करने में देरी से कंपनी द्वारा भारत के बाहर किए गए प्रेषण के खिलाफ दस्तावेज दाखिल करने में विफल रहने से और कंपनी में प्राप्त एफडीआई के खिलाफ शेयर आवंटित करने में भी विफल रहे।”
इससे पहले दिन में एडटेक प्रमुख बायजू’स ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि ईडी ने फेमा के तहत कथित उल्लंघनों पर कंपनी को कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
आईएएनएस को दिए एक संदेश में, कंपनी ने ईडी नोटिस पर मीडिया रिपोर्टों का “स्पष्ट रूप से खंडन” किया।
एक प्रवक्ता ने कहा, ”कंपनी को प्रवर्तन निदेशालय से ऐसा कोई संचार नहीं मिला है।”
–आईएएनएस
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