भारत को रणनीतिक साझेदार और वैश्विक प्रमुख के रूप में देखता है अमेरिका : राजदूत गार्सेटी

भारत को रणनीतिक साझेदार और वैश्विक प्रमुख के रूप में देखता है अमेरिका : राजदूत गार्सेटी

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका भारत को न केवल एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है, बल्कि शांति स्थापित करने और तत्काल मुद्दों को हल करने में मदद करने के लिए वैश्विक रूप से प्रमुख मानता है।

भारत-अमेरिका 2 प्‍लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता और आगे की राह पर बोलते हुए गार्सेटी ने कहा कि दोनों देशों द्वारा बेचे जाने वाले और सह-विकसित किए जाने वाले हथियारों के अलावा उनकी सेनाओं के बीच करीबी परिचालन स्तर का सहयोग बढ़ते रक्षा संबंधों की दिशा में एक बड़ा कदम है।

उन्होंने कहा कि इसमें आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर खुफिया जानकारी साझा करना और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल होगा।

गार्सेटी ने कहा कि हाल ही में संपन्न 2 प्‍लस 2 संवाद अमेरिका-भारत संबंधों के और अधिक मजबूत होने को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस साल भारत की तीन यात्राएं की थी और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन दो बार आए थे, जो दोनों देशों के बीच संबंधों के अभूतपूर्व स्तर का प्रतिनिधित्व करता है।

गार्सेटी ने कहा कि 2 प्‍लस 2 वार्ता के बाद संयुक्त बयान क्वाड और अन्य मेट्रिक्स के माध्यम से एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक की रक्षा के लिए भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह क्षेत्र में आक्रामक भू-राजनीतिक रुख की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति जो बिडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच हालिया बातचीत के बारे में पूछे जाने पर गार्सेटी ने कहा, अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदार भारत के साथ खड़ा रहेगा।

उन्‍होंने कहा, ”हमारी सेनाओं का परिचालन स्तर पर सहयोग, जो मुझे लगता है कि किसी भी उपकरण जितना ही महत्वपूर्ण है और हमारे देश हमारे विज्ञान और हमारी प्रौद्योगिकी साझेदारी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करते हैं ताकि प्रौद्योगिकी को वैश्विक भलाई के साथ उपयोग किया जा सके, न कि वह प्रौद्योगिकी जो हमें विभाजित करने के बजाय नुकसान पहुंचाती है, हमें ऐसी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है, जो हमसे जुड़ें और हमारी रक्षा करें।”

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत 2 प्‍लस 2 वार्ता में यूक्रेन और मध्य पूर्व में संघर्ष के दुखद मानवीय परिणामों पर चर्चा की गई, आतंकवाद के खिलाफ इजरायल के साथ अपने रुख को दोहराया गया। नागरिक पीड़ा को कम करने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के पालन पर भी चर्चा की गई।

भारत में अमेरिकी निवेश के बारे में बात करते हुए गार्सेटी ने कहा कि वे दिसंबर और जनवरी के आसपास अमेरिकी निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी में बड़े निवेश के लिए और अधिक पर्यटकों का स्वागत करने की उम्मीद कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर और ऐसे अन्य औद्योगिक उद्यमों में निवेश सीधे निवेश करने वाली कंपनियों के साथ करना होगा।

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

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