मुंबई, 17 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को अपने पहले के आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पैन, केवाईसी विवरण और नामांकन के बिना भौतिक प्रतिभूतियों के धारकों के फोलियो को फ्रीज करने का प्रावधान था।
सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
पहले के नियम के तहत, सूचीबद्ध कंपनियों में भौतिक प्रतिभूतियों के सभी धारकों के लिए पैन, नॉमिनेशन, कॉन्टेक्ट डिटेल, बैंक खाता विवरण और उनके संबंधित फोलियो नंबरों के लिए नमूना हस्ताक्षर प्रस्तुत करना अनिवार्य था। सेबी ने मई में कहा था कि जिन फोलियो में ऐसे दस्तावेजों में से कोई भी 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद उपलब्ध नहीं है, उन्हें इश्यू और शेयर ट्रांसफर एजेंटों (आरटीए) के रजिस्ट्रार द्वारा फ्रीज करना आवश्यक है।
सेबी ने अपने नए संशोधन में कहा है कि ‘फ्रीजिंग/फ्रोजन’ शब्द का संदर्भ हटा दिया गया है।
सेबी ने कहा, “रजिस्ट्रार एसोसिएशन ऑफ इंडिया से प्राप्त अभ्यावेदन, निवेशकों से फीडबैक के आधार पर, और बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 और/या रोकथाम के तहत फोलियो को फ्रीज करने और फ्रीज फोलियो को प्रशासन प्राधिकारी को संदर्भित करने के कारण अनपेक्षित चुनौतियों को कम करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम, 2002 के उपरोक्त प्रावधानों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है।”
–आईएएनएस
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