नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में जेन जेड कार्यस्थल में कर्मचारी जेनरेटिव एआई का उपयोग करने के लिए उत्साहित है। 91 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने नियोक्ता के लिए रोजमर्रा के काम में प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए तैयार हैं। शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
एडोब के ‘फ्यूचर वर्कफोर्स स्टडी फॉर इंडिया’ के अनुसार, जहां 81 प्रतिशत जेन जेड कर्मचारियों ने अपने काम को बढ़ाने के लिए जेनरेटिव एआई का लाभ उठाया है, वहीं 45 प्रतिशत अपनी नौकरी से संबंधित कठिन कौशल के लिए प्रशिक्षण चाहते हैं, जबकि 40 प्रतिशत सॉफ्ट स्किल के लिए प्रशिक्षण चाहते हैं।
एडोब इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रतिभा महापात्र ने कहा,“जेन ज़ेड कर्मचारी अब तक की सबसे तकनीक-प्रेमी पीढ़ी हैं, और वे जेनरेटिव एआई जैसी तकनीकों को अपनाने के लिए उत्सुक हैं। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए, संगठनों को इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने और एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देने के बीच संतुलन बनाना चाहिए जो उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप हो।”
जेन जेड काम पर अपने दृष्टिकोण देने के लिए उत्सुक है। अधिकांश उत्तरदाताओं (96 प्रतिशत) का कहना है कि वे अपने साथियों और सहकर्मियों को प्रतिक्रिया देने में सहज हैं।
देश में जेन जेड श्रमिकों का भारी बहुमत (93 प्रतिशत) न केवल प्रभाव में, बल्कि कॉर्पोरेट सीढ़ी से सी-सूट तक बढ़ने के लिए उत्सुक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “87 प्रतिशत का कहना है कि वे अपनी कंपनी में करियर विकास के अवसरों के बारे में अच्छा महसूस करते हैं, जबकि 46 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पदोन्नति के लिए कोई स्पष्ट रास्ता नहीं होने को नौकरी छोड़ने के शीर्ष कारणों में से एक माना है।”
जेन जेड भी करियर मार्गदर्शन के लिए उत्सुक है। 91 प्रतिशत का कहना है कि उनका मानना है कि कार्यस्थल सलाहकार उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है।
हालांकि, केवल 76 प्रतिशत जेन ज़ेड रिपोर्ट करते हैं कि काम के दौरान कोई गुरु होता है।
जैसा कि निष्कर्षों से पता चला है, जेन जेड कार्यस्थल में अपने पेशेवर विकास को प्राथमिकता देता है, पदोन्नति के लिए कोई स्पष्ट रास्ता नहीं होने को नौकरी छोड़ने का नंबर एक कारण (46 प्रतिशत) बताता है, इसके बाद संतोषजनक वेतन से कम (43 प्रतिशत) होता है।
–आईएएनएस
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