मैदान पर फ़ील्डिंग में थोड़ा ख़राब होने के बाद भी हम शांत थे :रोहित

मैदान पर फ़ील्डिंग में थोड़ा ख़राब होने के बाद भी हम शांत थे :रोहित

मुम्बई, 16 नवम्बर (आईएएनएस) भारत ने विश्‍व कप में 10 में से 10 मैच जीते हैं। वे शानदार दिखे हैं, वे बल्‍ले और गेंद से हावी दिखे लेकिन बुधवार को मुंबई में न्‍यूज़ीलैंड के ख़‍िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में ऐसा नहीं था फ‍िर यदि जीत का अंतर 70 रन हो। कप्‍तान रोहित शर्मा इस बात को मानते हैं कि इस विश्‍व कप में यह उनका सबसे मुश्किल मैच था, टूर्नामेंट में बने रहने और जीत हासिल करने के लिए उनकी टीम को “एकत्रित रहना” था और “सेमीफ़ाइनल के समीकरण” को दूर रखना था।

रोहित ने मैच के बाद स्‍टार स्‍पोर्ट्स पर कहा, “जिस तरह से हमारे गेंदबाज़ों ने आगे आकर नई गेंद से गेंदबाज़ी की, विकेट लिए, जब आपके पास ऐसा लक्ष्‍य हो तो आपको शुरू में विकेट लेने होते हैं और हमने ऐसा ही किया। आज सेमीफ़ाइनल था तो मैं यह नहीं कहना चाहता कि दबाव नहीं था। जब भी आप मैच खेलते हो तो दबाव होता है और सेमीफ़ाइनल में थोड़ा और दबाव आ जाता है। लेकिन मुझे लगता है लड़के अपना काम कर रहे थे।”

“सच कहूं तो हम सेमीफ़ाइनल के समीकरण को बाहर रखना चाहते थे, अधिक सोचना नहीं चाहते थे। हम बस वही करना चाहते थे जो हमने पहले नौ मैचों में किया था और चीज़ें दूसरे हाफ़ में भी हमारे लिए अच्‍छी रही।”

बड़ा स्‍कोर बनाने के बाद भी डेरिल मिचेल और केन विलियमसन ने टीम पर दबाव बनाया और दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 149 गेंद में 181 रनों की साझेदारी की, जिससे वानखेड़े में दर्शक शांत हो गए। मिचेल ने 85 गेंद में शतक लगाया तो विलिमयसन ने अर्धशतक लगाया।

भारत ने विलियमसन का कैच भी छोड़ा जहां मोहम्‍मद शमी मिडऑन पर यह कैच नहीं लपक पाए थे और इसी साझेदारी में एक रन आउट का मौक़ा भी गंवाया। उस समय न्‍यूज़ीलैंड की टीम चेज़ करते हुए संतुलन में थी, लेकिन पहले दो विकेट लेने वाले शमी वापस आए और 33वें ओवर में विल‍ियमसन का विकेट लिया।

रोहित ने कहा, “जब स्‍कोरिंग रेट नौ के ऊपर हर समय था, तो आपको चांस लेने होते हैं। कई बार आप क़ामयाब होते हैं और कई बार ऐसा नहीं होता। उन्‍होंने हमें मौक़ा दिया, हम उसका फ़ायदा नहीं उठा पाए। लेकिन श्रेय मिचेल और विलियमसन को भी देना होगा जो बहुत अच्‍छी बल्‍लेबाज़ी कर रहे थे।”

“दोबारा कहता हूं हमारे लिए शांत रहना अहम था। एक समय पर दर्शक पूरी तरह से शांत हो गए थे, यही मैच की प्रकृति है। लेकिन हम जानते थे कि हमें कुछ मैजिक दिखाना होगा, चाहे एक अच्छा कैच या एक बेहतर रन आउट या हो सकता है एक अच्छी गेंद। लेकिन हमने सब किया लेकिन क़ामयाब नहीं हुए, लेकिन हां शमी शानदार थे।”

रोहित ने कहा, “मैंने यहां पर काफ़ी क्रिकेट खेला है तो मैं जानता हूं कि इस मैदान पर कुछ भी स्‍कोर बनाकर आप आराम नहीं फ़रमा सकते, आप को चाहिए कि काम जल्‍द से जल्‍द हो और आप मैच में बने रहें। हम जानते थे कि उस साझेदारी के समय हम पर दबाव था, हम बस एकत्रित रहे। हम तब भी शांत थे जब हम थोड़ी ख़राब फ़ील्डिंग कर रहे थे। लेकिन यह हो सकता है। हमने नौ सटीक मैच खेले हैं तो यह चीज़ें हो सकती हैं, लेकिन मैं खुश हूं हमने अंत में काम कर लिया।”

वानखेड़े की पिच बल्‍लेबाज़ी के मुफ़ीद होती है और यह इस दिन भी अलग नहीं थी।

भारत ने रोहित और शुभमन गिल के दम पर तेज़ शुरुआत की और 50 गेंद में 75 रन बना डाले। कोहली ने रिकॉर्ड 50वां शतक लगाया और श्रेयस ने भी 70 गेंद में 105 रन की पारी खेली। भारत ने आख़‍िरी 10 ओवर में 110 रन बना डाले, जिससे वे टूर्नामेंट में तीसरी बार 350 से अधिक रन बना पाए।

रोहित ने कहा, “शीर्ष पांच-छह बल्‍लेबाज़ों को जब भी मौक़ा मिलता है वे उसको भुनाते हैं। मैं इस बात से बहुत खुश हूं जो अय्यर ने हमारे लिए इस टूर्नामेंट में किया है। वह बेहतरीन बल्‍लेबाज़ी कर रहे हैं। शुभमन ने भी बेहतरीन बल्‍लेबाज़ी की लेकिन बदकिस्‍मती से उन्‍हें क्रैंप आ गया और उन्‍हें वापस जाना पड़ा।”

“कोहली हमेशा की तरह शानदार थे, उन्‍हें बेहतरीन पारी खेली और रिकॉर्ड बनाया। कुल मिलाकर बल्‍लेबाज़ी शानदार थी और हम इसी तरह के इरादे के साथ बल्‍लेबाज़ी में आगे बढ़ना चाहते हैं।”

–आईएएनएस

आरआर

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