आइजोल, 13 नवंबर (आईएएनएस)। म्यांमार सेना और पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के बीच गोलीबारी की मीडिया रिपोर्ट के बीच पड़ोसी देश से शरणार्थियों की ताजा आमद शुरू हो गई है। असम राइफल्स के अधिकारियों ने ग्राम प्रमुखों तथा यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के नेताओं के साथ बैठक की और सीमावर्ती गांवों में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।
अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि असम राइफल्स ने पूर्वी मिजोरम के चम्फाई जिले में ग्राम परिषद अध्यक्षों और वाईएमए सचिवों के साथ एक सुरक्षा बैठक की और सीमावर्ती गांवों के सुरक्षा संबंधी मामलों सहित विभिन्न मसलों पर चर्चा की।
असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा, “बैठक का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षा, स्थानीय आबादी के कल्याण और असम राइफल्स से संबंधित सीमावर्ती क्षेत्रों के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करना है। मिजोरम के पड़ोसी म्यांमार के चिन प्रांत में वर्तमान सुरक्षा स्थिति और इसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई। सुरक्षा बलों के साथ सहयोग और समन्वय बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की गई।
इस बीच, खुफिया और मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि म्यांमार सेना और म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार की एक सशस्त्र शाखा पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के बीच रुक-रुक कर हुई गोलीबारी के बाद मिजोरम के सीमावर्ती गांवों में शरणार्थियों की एक ताजा आमद की सूचना मिली है।
ज़ोखावथर वी.सी.पी. लालमुआनपुइया के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान म्यांमार के 100 से अधिक परिवारों ने चम्फाई जिले के ज़ोखावथर गांव में शरण ली है।
लालमुआनपुइया, जो म्यांमार शरणार्थियों से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित ग्राम स्तरीय समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि अधिक म्यांमार नागरिकों के सीमावर्ती गांवों में शरण लेने की संभावना है क्योंकि म्यांमार सेना और पीडीएफ के बीच छिटपुट लड़ाई जारी है।
फरवरी 2021 से ज़ोखावथर गांव में म्यांमार से आये छह हजार से अधिक शरणार्थियों ने शरण ले रखी है।
हालाँकि, चम्फाई के उपायुक्त जेम्स लालरिंचना ने कहा कि वे ज़ोखावथर गाँव के अधिकारियों से नए शरणार्थियों के आगमन के बारे में विवरण एकत्र कर रहे हैं।
सैन्य तख्तापलट में 1 फरवरी 2021 को म्यांमार सेना द्वारा पड़ोसी देश में शासन अपने हाथ में लेने के बाद म्यांमार से लगभग 32 हजार पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने मिजोरम के विभिन्न जिलों में शरण ली, जिसमें चम्फाई जिले का ज़ोखावथर गांव भी शामिल था।
मिजोरम के छह जिले – चम्फाई, सियाहा, लांग्टलाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल – म्यांमार के चिन प्रांत के साथ 510 किमी लंबी बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं। भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स तैनात है।
अधिकांश शरणार्थी राहत शिविरों और सरकारी भवनों में रहते हैं, जबकि कई अन्य को उनके रिश्तेदारों ने ठहराया है और बड़ी संख्या में म्यांमारवासी किराए के घरों में रह रहे हैं।
राज्य सरकार, चर्च निकाय, वाईएमए, गैर सरकारी संगठन और कई व्यक्ति म्यांमार के शरणार्थियों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, जो चिन आदिवासी समुदाय से हैं। मिज़ोस के साथ उनके घनिष्ठ जातीय संबंध हैं और भाषा तथा जीवन शैली समान हैं।
मिजोरम सरकार ने पहले म्यांमार के नागरिकों के लिए केंद्र से वित्तीय और तार्किक सहायता मांगी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।
–आईएएनएस
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