कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से जुड़े डॉ. आर मनोज कहते हैं कि निश्चित तौर पर कोई भी वर्कआउट एकदम से कभी नहीं करना चाहिए। इसमें चाहे जिम जाकर अचानक तेज एक्सरसाइज करने वाले लोग हों या फिर सुबह-सुबह अचानक से ब्रिस्क वॉक करने वाले लोग हों…
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जिन लोगों को कोविड में गंभीर संक्रमण हुआ हो, वह अधिक वर्कआउट करने से बचें। दरअसल बीते कुछ समय से अचानक हो रहीं हार्ट अटैक से मौतों के बाद यह सवाल लगातार उठ रहे थे कि आखिर इस तरह से अचानक मौतों का सिलसिला क्यों और कैसे शुरू हो गया। फिलहाल हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अचानक कभी भी कोई वर्कआउट नहीं करना चाहिए। इसके अलावा विशेषज्ञों ने तीन प्रमुख जांचों की बात कही है, जिससे अचानक पड़ने वाले हार्ट अटैक की संभावनाओं का अंदाजा पहले ही हो जाएगा।
कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से जुड़े डॉ. आर मनोज कहते हैं कि निश्चित तौर पर कोई भी वर्कआउट एकदम से कभी नहीं करना चाहिए। इसमें चाहे जिम जाकर अचानक तेज एक्सरसाइज करने वाले लोग हों या फिर सुबह-सुबह अचानक से ब्रिस्क वॉक करने वाले लोग हों। या वह लोग जो कुछ भी अचानक से दिल की धड़कनों को बढ़ाने वाला काम शुरू कर देते हैं। ऐसे सभी लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि डॉक्टर रोहित मनोज कहते हैं कि इस पर अभी जो शोध चल रहे हैं उनके नतीजे सामने नहीं आए हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि क्या कोविड के असर से दिल की मांसपेशियां इतनी कमजोर हो गई हैं कि कुछ भी ज्यादा वर्कआउट करने पर दिल के दौरे पड़ने लगे हैं। लेकिन यह बात बिल्कुल सच है कि अगर किसी भी व्यक्ति ने लंबे समय से ज्यादा शारीरिक काम नहीं किया है, उसे अचानक कोई भी हैवी वर्कआउट करने से बचना चाहिए।
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरीके से अचानक दिल के दौरे पड़ रहे हैं, उसकी पहचान पहले भी की जा सकती है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एचके चावला कहते हैं कि तीन प्रमुख टेस्ट ऐसे हैं, जिन्हें कराने के बाद दिल की मजबूती जानने के अलावा हार्ट अटैक पड़ने की संभावनाओं के बारे में पहले से अंदाजा हो जाता है। इसमें ईसीजी, ईको और टीएमटी जैसी जांचें यह बता देती हैं कि आपका हृदय कितना मजबूत है और कितना वर्कआउट करने की क्षमता रखता है। दिल्ली एनसीआर के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पंकज रंजन कहते हैं कि यह जांच इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि आज की लाइफ स्टाइल में इन्हें कराने से दिल की बीमारी का अंदाजा भी पहले से हो जाता है। इसके साथ अगर कोविड के बाद किसी के ह्रदय की मांसपेशियां कमजोर हुई हैं और दिल के कार्य करने को क्षमता प्रभावित हुई है, तो वह भी इन जांचों के माध्यम से बता सकता है कि दिल की मजबूती कितनी है।