पश्चिम एशिया संकट के बीच बाजार में निवेशकों का विश्वास कमजोर

पश्चिम एशिया संकट के बीच बाजार में निवेशकों का विश्वास कमजोर

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। आने वाले समय में बाजार के सेंटीमेंट्स सतर्क बने हुए हैं। निवेशक पश्चिम एशिया के संकट, आगामी कॉर्पोरेट अर्निंग और घोषित होने वाले घरेलू पीएमआई आंकड़ों सहित प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। यह कहना है जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का।

उन्होंने कहा, पश्चिम एशिया में जारी अशांति और इकोनोमिक ग्रोथ पर ऊंची ब्याज दरों के संभावित प्रभावों पर चिंताओं के कारण निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है।

एफआईआई की बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है, जिससे डीआईआई की ओर से भारी खरीदारी हो रही है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानि शुक्रवार को घरेलू सूचकांकों में कुछ सुधार हुआ, जिसका कारण अमेरिका की तीसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि अनुकूल होना और अमेरिकी मुद्रास्फीति में नरमी है, जिससे बॉन्ड यील्ड में कमी आई है।

भारत में दूसरी तिमाही के नतीजे भी बाजार का समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, वैश्विक बाजार की अस्थिरता से घरेलू बाजार में सुधार में देरी होने की उम्मीद है। वैश्विक बाजार ऊंची ब्याज दर और भू-राजनीतिक तनाव के कारण अर्थव्यवस्था में और मंदी के जोखिम पर केंद्रित है।

एफएमसीजी, कंजप्शन, उर्वरक जैसे सेक्टर में संभावित विकास के अवसर की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि योगदान देने वाले कारकों में कच्चे माल की लागत से जुड़े जोखिमों का कम होना और बाहरी क्षेत्रों से स्थिर दीर्घकालिक मांग दृष्टिकोण शामिल है, जो विशेष रूप से मध्यम अवधि में रसायन और फार्मा जैसे क्षेत्रों का समर्थन कर सकता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बुधवार को यूएस फेड का दर निर्णय एक महत्वपूर्ण घटना होगी, लेकिन निवेशकों को हाई बांड यील्ड के बीच सोमवार को बैंक ऑफ जापान की बैठक के नतीजे का भी इंतजार रहेगा। हमें उम्मीद है कि प्रमुख आर्थिक घटनाओं और चालू कमाई के मौसम से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।

–आईएएनएस

एसकेपी

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